सुखबीर बादल की मौजूदगी में जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके अपने साथियों सहित अकाली दल में शामिल

सभी को एकजुट होकर पंथ की नुमाईंदा राजनीतिक जत्थेबंदी शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करना चाहिए: परमजीत सिंह सरना

नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि मनजीत सिंह जी.के द्वारा साथियों सहित शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने से न केवल दिल्ली की पंथक राजनीति बल्कि सिख कौम की नुमाईंदा राजनीतिक जत्थेबंदी शिरोमणि अकाली दल को काफी ताकत मिली है।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सरना ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की मौजूदगी में जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के, दिल्ली कमेटी के सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खीवा, महेंद्र सिंह सहित अन्य सैंकड़ों समर्थकों ने शिरोमणि अकाली दल में वापसी की। सरदार बादल द्वारा मनजीत सिंह जीके का सम्मान करते हुए पार्टी में पुनः वापसी के लिए बधाई दी।

सरना ने कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है कि मनजीत सिंह जी.के लंबे समय से प्रत्येक पंथक मसले पर कंधे से कंधा मिलाकर चलते आए हैं लेकिन बीते दिनों शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा अकाली सरकार और उनके परिवार द्वारा की गई गलतियों के लिए माफी मांगने एवं पंथक एकता के लिए की गई अपील के चलते मनजीत सिंह जी.के ने बिना शर्त अकाली दल में वापसी का ऐलान किया है। इनके पार्टी में आने से दिल्ली में अकाली दल संपूर्ण हो गया है।

उन्होंने कहा कि अन्य जो भी शख्सियतें किसी बात पर नाराजगी के चलते अकाली दल से अलग हो चुकी थीं उन्हें भी एकजुट होकर सिख पंथ की प्रतिनिधि राजनीतिक जत्थेबंदी शिरोमणि अकाली दल में वापिस लौटना चाहिए। उन्होंने जानकारी साझा करते हुए बताया कि बहुत जल्द बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में शिरोमणि अकाली दल की इकाइयां स्थापित कर जाहो जलाल के साथ पूरे देश में अकाली दल को हर सिख के घर तक पहुंचाया जाएगा।
इस मौके पर बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, हरविंदर सिंह सरना, जतिंदर सिंह साहनी, बीबी रणजीत कौर, तजिंदर सिंह गोपा, कुलतारन सिंह कोछड़, जत्थेदार बलदेव सिंह रानीबाग, अनुप सिंह घुम्मन, करतार सिंह चावला, सतनाम सिंह जग्गा, रमनदीप सिंह सोनू, इकबाल सिंह, राजिंदर सिंह पोपली, परमजीत सिंह, हरप्रीत सिंह पाला, सुरजीत सिंह, सुरिंदर पाल सिंह ओबराय आदि मौजूद थे।

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