श्रीनगरज़: हुíरयत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने का उच्चतम न्यायालय का निर्णय निराशाजनक है लेकिन अप्रत्याशित नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को सोमवार को सर्वसम्मति से बरकरार रखा और केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) का राज्य का दर्जा ‘‘जल्द से जल्द’’ बहाल किए जाने एवं अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश भी दिया।
मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, ‘‘यह दुखद है लेकिन यह फैसला अप्रत्याशित नहीं था, खासकर मौजूदा परिस्थितियों में। ’’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को संभव बनाया, वे इस फैसले से खुद को बहुत ठगा हुआ महसूस कर रहे होंगे। हुíरयत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि वे लोग जिन्होंने विभाजन के समय जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को सुगम बनाया और भारतीय नेतृत्व द्वारा दिए गए वादों और आश्वासनों पर अपना विश्वास जताया, खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मीरवाइज को चार साल के बाद इस साल सितंबर में ही नजरबंदी से रिहा किया गया था।