जम्मू-कश्मीर में फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी के बहाने ठगी करने के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज

जम्मू: जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी देने के बहाने लोगों से ठगी करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।जम्मू-कश्मीर पुलिस की साइबर शाखा ने नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को धोखा देने के लिए एक सरकारी विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाने में संलिप्तता के आरोप में एक.

जम्मू: जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी देने के बहाने लोगों से ठगी करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।जम्मू-कश्मीर पुलिस की साइबर शाखा ने नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को धोखा देने के लिए एक सरकारी विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाने में संलिप्तता के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के सरनल पाईन गांव निवासी एवं खुद के पत्रकार होने का दावा करने वाले आरोपी ताहिर अहमद भट ने श्रीनगर के विशेष मोबाइल मजिस्ट्रेट एहसान मलिक की अदालत में 22 नवंबर को जमानत याचिका दायर की थी।जम्मू-कश्मीर के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से एक लिखित संचार के बाद साइबर पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद ताहिर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आरोप लगाया था कि उनकी आधिकारिक वेबसाइट की नकल कर एक फर्जी वेबसाइट तैयार कर ली गई और फर्जी नियुक्ति आदेश अपलोड कर दिए गए थे। पुलिस के मुताबिक, जांच से पता चला कि फर्जी वेबसाइट आगरा के प्रशांत माथुर नाम के व्यक्ति ने बनाई थी और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में नौकरी देने के नाम पर कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों के 10 बेरोजगार युवाओं को ठगा गया था। विशेष मोबाइल मजिस्ट्रेट एहसान मलिक ने सोमवार को कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि आरोपी पेशे से पत्रकार है और कथित तौर पर अपराध में शामिल है तथा उसके खिलाफ पहले से ही कई प्राथमिकी दर्ज हैं। इसलिए, किसी भी परिस्थिति में आरोपी/आवेदक जमानत की रियायत का हकदार नहीं है। ’’

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