कश्मीर में पुलिस ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए

श्रीनगर: कश्मीर में प्राधिकारियों ने साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील, या आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।बारामूला जिला की पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘दिशानिर्देशों का उद्देशय़ सोशल मीडिया मंचों पर.

श्रीनगर: कश्मीर में प्राधिकारियों ने साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील, या आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।बारामूला जिला की पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘दिशानिर्देशों का उद्देशय़ सोशल मीडिया मंचों पर आतंकवाद, अलगाववाद, धमकी या सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री सामने आने पर की जाने वाली कार्रवाइयों पर स्पष्टता प्रदान करना है।’’ कश्मीर घाटी में कई अन्य जिलों ने भी पिछले सप्ताह ऐसे ही दिशानिर्देश जारी किए थे।ये दिशानिर्देश ऐसे वक्त जारी किए गए हैं जब पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में वैमनस्य को बढ़ावा देने वाली कोई भी सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करना एक अपराध होगा।

स्वैन ने पिछले सप्ताह जम्मू में कहा था कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत इस संबंध में एक नया प्रावधान पेश किया जाएगा।उन्होंने कहा, ‘‘सीआरपीसी की धारा 144 के तहत, हमने साम्प्रदायिक वैमनस्य को उकसावा देने और किसी को आतंकित या धमकाने वाली किसी भी प्रकार की सामग्री – संदेश, वीडियो, ऑडियो पोस्ट करने पर एक कानून लाने का फैसला किया है।’’ दिशा निर्देशों के अनुसार, नागरिकों को सुरक्षित ऑनलाइन माहौल बनाए रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में तुंरत सूचना देने में योगदान देने को भी कहा गया है।

इसमें कहा गया है, ‘‘अगर आपको कोई आपत्तिजनक सामग्री वाला संदेश मिलता है तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने या पुलिस चौकी को एक स्क्रीनशॉट और विस्तारपूर्वक जानकारी के साथ इसकी सूचना दें।’’ उपयोगकर्ताओं को सलाह दी गयी है कि अगर वे अनजाने में कोई अनुचित सामग्री साझा करते हैं तो ‘‘तुरंत वह संदेश वापस लें।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘अगर यह संभव न हो तो उस प्रत्येक व्यक्ति या समूह को स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए जिसके साथ संदेश साझा किया जाए। एहतियात के तौर पर घटना की जानकारी प्राधिकारियों को दें।’’ कुछ जिलों में प्राधिकारियों ने अपंजीकृत समाचार पोर्टल और सोशल मीडिया पर समाचार से जुड़े अकाउंट को नियंत्रित करने की भी मांग की है। उत्तर कश्मीर में कुपवाड़ा जिले ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत सबसे पहले इस तरह के दिशानिर्देश जारी किए थे।

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