नई दिल्लीः देशभर में कोचिंग सिटी के नाम से प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर शीघ्र जमीन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया था। हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा के नए एयरपोर्ट की जमीन का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होनें लोक सभा स्पीकर ओम बिरला पर हमला बोलते हुए कहा था कि कोटा में एयरपोर्ट काफी जरूरी है। यह टूरिस्ट हब बनने जा रहा है। इसलिए लोकसभा स्पीकर एवं कोटा सांसद ओम बिरला के पेट में दर्द हो रहा है कि कही कांग्रेस सरकार को इसका श्रेय न मिल जाए।
गहलोत ब्यान पर प्रक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने मामले के तथ्यों को ध्यान में रखे बिना ऐसा भ्रामक बयान दिया है। सिंधिया ने ट्वीट किया कि मुझे पता है, राज्य सरकार ने कुल प्रस्तावित 440 एकड़ में से केवल 33.4 हेक्टेयर भूमि एएआई के पक्ष में आवंटित की है। हमने साइट का स्थलाकृतिक सर्वेक्षण, मिट्टी की जांच कार्य कर लिया है इसके साथ ही पर्यावरणीय मंजूरी के संबंध में कार्य प्रदान कर दिया गया है और सार्वजनिक सुनवाई आयोजित करने के लिए 6 जुलाई को क्षेत्रीय राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक मसौदा ईआईए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। वास्तुकला और इंजीनियरिंग परामर्श के संचालन के लिए एक एजेंसी को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा जमीन सौंपने की की धीमी गति के कारण हवाई अड्डे के विकास की प्रक्रिया में देरी हुई है। इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री गहलोत को नागरिक उड्डयन के विकास में सबसे कम दिलचस्पी है।
The back-and-forth, staggered response and tardy pace of handing over of the land by the State govt. have delayed the process of development of the #KotaAirport
It shows that CM @ashokgehlot51 Ji is least interested in the development of Kota Greenfield Airport or civil… pic.twitter.com/CJ1VNHt62V
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 16, 2023