ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2023: PM मोदी कल करेंगे उद्धाटन, अमृत काल विजन 2047 करेंगे जारी

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मुंबई में ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (GMIS) 2023 के तीसरे संस्करण में भारतीय समुद्री ब्ल्यू इकाॅनोमी के लिए दीर्घकालिक रोडमैप ‘अमृत काल विजन 2047’ जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार पीएम मोदी मंगलवार सुबह लगभग साढ़े 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (GMIS).

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मुंबई में ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (GMIS) 2023 के तीसरे संस्करण में भारतीय समुद्री ब्ल्यू इकाॅनोमी के लिए दीर्घकालिक रोडमैप ‘अमृत काल विजन 2047’ जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार पीएम मोदी मंगलवार सुबह लगभग साढ़े 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (GMIS) 2023 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन करेंगे। यह शिखर सम्मेलन 17 से 19 अक्तूबर तक मुंबई के MMRDA मैदान में आयोजित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय ब्ल्यू इकाॅनोमी के लिए दीर्घकालिक रोडमैप ‘अमृत काल विजन 2047’ का अनावरण करेंगे। इस रोडमैप में बंदरगाह सुविधाओं को बढ़ाने, टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल की रूपरेखा बताई गई है। इस अत्याधुनिक योजना के अनुरूप, प्रधानमंत्री 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री गुजरात में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में साढ़े चार हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले टूना टेकरा ऑल वेदर डीप ड्राफ्ट टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे। इस अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड टर्मिनल को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से विकसित किया जाएगा।

 

इस टर्मिनल के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र के रूप में उभरने की संभावना है। यह टर्मिनल 18 हजार टीईयू (बीस फुट के बराबर इकाई) से अधिक भावी पीढ़ी के जहाजों का रख-रखाव करेगा, और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) के माध्यम से भारतीय व्यापार के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री की उपस्थिति में समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय साझेदारी के लिए 7 लाख करोड़ से अधिक के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन (MoU) भी किए जाएंगे।

यह सम्मेलन देश का सबसे बड़ा समुद्री कार्यक्रम है। इसमें यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, एशिया (मध्य एशिया, मध्य पूर्व और बिम्सटेक क्षेत्र सहित) देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनिया भर के मंत्री भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से वैश्विक CEO, व्यापारिक नेता, निवेशक, अधिकारी और अन्य हितधारक भी भाग लेंगे। इसके अलावा सम्मेलन में कई भारतीय राज्यों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

 

तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भावी बंदरगाहों सहित समुद्री क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने; तटीय शिपिंग और अंतर्देशीय जल परिवहन; जहाज निर्माण; मरम्मत और पुनर्चक्रण; वित्त, बीमा और मध्यस्थता; समुद्री क्लस्टर; नवाचार एवं प्रौद्योगिकी; समुद्री सुरक्षा और संरक्षा; तथा समुद्री पर्यटन समेत अन्य विषयों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जाएगा। यह सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच भी प्रदान करेगा। पहला मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2016 में मुंबई में आयोजित किया गया था। दूसरा समुद्री शिखर सम्मेलन वर्चुअल माध्यम से 2021 में आयोजित किया गया था।

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