नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय अध्यक्षता में जी 20 का आयोजन समग्र देश को गौरवान्वित कर रहा है। जनजन को गर्व की अनुभूति है। ‘अमृतकाल’ के युग में प्रवेश करता भारत, विकास और सामाजिक प्रगति की दिशा में एक परिवर्तनकारी यात्रा के पथ पर आगे बढ़ चुका है। ये पल अविस्मरणीय है व देशवासियों के लिए उत्साह का संचार करने वाले हैं। यह सुखद अहसास अपनी सीमाओं से परे तक विस्तृत है, जो वैश्विक विकास के प्रक्षेप पथ के लिए एक मानक स्थापित करता है। इस वृहद आयोजन के दौरान जी 20 के कृषि कार्य समूह (एडब्ल्यूजी) की हुई बैठकें भी ऐतिहासिक रही, वहीं जी 20 के कृषि मंत्रियों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए संदेश में यह प्रतिध्वनित हुई: ‘कृषि में भारत की जी 20 प्राथमिकताएं हमारी ‘एक पृथ्वी’ की अवधारणा को पोषित करने, हमारे ह्यएक परिवार के भीतर सद्भाव उत्पन्न करने और उज्ज्वल ‘एक भविष्य’ की आशा देने पर केंद्रित हैं।’
कृषि कार्य समूह की उपलब्धियां 200 से अधिक प्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिन्होंने गत महीनों में देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से लेकर चंडीगढ़ के सुनियोजित शहरी परिदृश्य तक की यात्रा की, फिर पवित्र शहर वाराणसी तक और अंतत: मनमोहक मोतियों के शहर, हैदराबाद तक पहुंचे। सतत विकास लक्ष्य-2 (एसडीजी-2) में रेखांकित एक प्रमुख वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य हासिल करने को हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2030 तक शून्य भूख एसडीजी तक पहुंचने में केवल सात वर्ष शेष हैं।
यह अनुमान लगाया गया है कि यह स्थिति वर्ष 2015 से अपरिवर्तित बनी हुई है। कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन के लगातार प्रभाव जैसे कारक वर्ष 2030 में 670 मिलियन लोगों को भूखा बना सकते हैं, ऐसी चुनौती है, लेकिन भारत, अपने जी-20 कृषि कार्य समूह की अध्यक्षता के तहत, इन चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। एक ऐतिहासिक सहमति बनीं, जिसमें जी-20 के कृषि मंत्रियों ने खाद्य सुरक्षा व पोषण पर डेक्कन उच्चस्तरीय सिद्धांतों का समर्थन करने पर सहमति व्यक्त की है।