जयपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा और एजेंट शेर सिंह मीना को शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद तीन दिन की रिमांड पर लिया है। कई छापेमारी और करीब दो दर्जन लोगों से पूछताछ के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की। ईडी ने दोनों को कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड पर लिया।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को वित्तीय लेनदेन से जुड़ी कई जानकारियां मिली हैं, जिससे कई नामी लोग कटघरे में खड़े हो सकते हैं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पेपर लीक मामले में करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए ईडी से शिकायत की थी। इसके बाद ईडी ने एफआईआर दर्ज की और पेपर लीक के आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। जब मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई तो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद कटारा, सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेन्द्र सारण और शेर सिंह मीना की करीब 3.11 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई। इससे पहले ईडी ने 28 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें कलाम कोचिंग सेंटर भी शामिल था। बता दें कि कटारा अप्रैल से जेल में हैं। सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल को पत्र भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि कितने पेपर लीक हुए और कितने पैसे लिए गए? पेपर लीक में किसकी भूमिका थी? क्या पैसा बांटा गया? क्या किसी स्थानीय नेता ने आरपीएससी सदस्य बनने के लिए करोड़ों रुपये दिये? यह कैसा राजनीतिक गठजोड़ था?