Rishi Sunak के बच्चों ने सीखी है हिंदी : CM Himanta Biswa Sarma

गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति हिंदी को बहुत महत्व देते हैं और उनके बच्चों ने यह भाषा सीखी है। सरमा ने शनिवार रात जी20 रात्रिभोज में भाग लिया जहां उन्होंने सुनक के साथ चर्चा की हैं। रविवार शाम गुवाहाटी.

गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति हिंदी को बहुत महत्व देते हैं और उनके बच्चों ने यह भाषा सीखी है। सरमा ने शनिवार रात जी20 रात्रिभोज में भाग लिया जहां उन्होंने सुनक के साथ चर्चा की हैं। रविवार शाम गुवाहाटी में भाजपा की महिला शाखा के कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बात करते हुए, सरमा ने कहा, मैंने ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी से मुलाकात की हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में रहने के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों को हिंदी सिखाने पर जोर दिया।

‘‘प्रधानमंत्री सुनक ने उस रात्रिभोज में कुछ मुख्यमंत्रियों के सामने इसका उल्लेख किया। मैं सोच रहा था कि भारत में भी मैं अपने बच्चों को हिंदी सिखाने को महत्व नहीं दे पाऊंगा, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड में भी यही बहुत शानदार तरीके से किया है।‘ सुनक के अलावा, सरमा ने रात्रिभोज में सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली सीन लूंग से भी बात की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ली असम में कौशल विकास और नर्सगिं प्रशिक्षण में रुचि रखते हैं।

‘‘रूस-यूक्रेन युद्ध के माहौल में, आज अमेरिका, रूस और चीन के लिए किसी भी बात पर सहमत होना दुर्लभ है। लेकिन उन देशों ने जी20 में भारत के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है और यह घोषणा इतिहास का दस्तावेज बनकर रहेगी।’’ दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के अनुसार, अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से ही संभव हो सका।

‘अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन गठबंधन बनाने का निर्णय लिया गया है। भविष्य के लिए बांस से ईंधन का उत्पादन करने की व्यवस्था की जाएगी। यह निर्णय भविष्य में असम के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है।‘ सरमा ने कहा, कि इस बीच विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए आयोजित रात्रिभोज में दिवंगत महान गायक भूपेन हजारिका के गीतों पर बिहू नृत्य प्रस्तुत किया गया। ‘‘वहां भाग लेकर एक असमी के रूप में मुझे गर्व महसूस हुआ। बाद में मैंने संगीत और नृत्य कलाकारों से बात की। उनमें असम के चार युवक भी शामिल थे।’’

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