नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न बीमारियों के इलाज से संबंधित पतंजलि आयुर्वेद के ‘भ्रामक’ विज्ञापनों से जुड़े अदालत की अवमानना के एक मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और उनके शिष्य पतंजलि के प्रबन्ध निदेशक आचार्य बालकृष्ण का माफीनामा एक बार फिर बुधवार को अस्वीकार कर दिया। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “हम इस हलफनामे को स्वीकार करने से इंकार करते हैं। यह (अवमानना) जानबूझकर की गयी थी।