कोलकाता : करीब 15 साल पहले लापता हुई पश्चिम बंगाल की एक महिला यहां एक रेडियो क्लब के प्रयासों की बदौलत राजस्थान में मिली। पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सचिव अंबरीश नाग बिस्वास ने बताया कि हाल में उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया था। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति ने खुद को पत्रकार बताते हुए कहा कि एक महिला अपने पिता से बात करना चाहती है। बिस्वास ने कहा कि उस व्यक्ति के पास महिला का फोन आया था और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए, इसलिए उसने रेडियो क्लब से मदद मांगी। उन्होंने कहा कि रेडियो क्लब के सदस्य हरकत में आए। उन्होंने महिला से फोन पर बात की और पता लगाया कि वह किस जगह से बात कर रही है।
बिस्वास ने कहा, “ऐसा बताया जा रहा है कि महिला जब किशोरी थी, उस समय वह लापता हो गई थी। अब वह लगभग 27 साल की है।’’ उन्होंने कहा, “हमने अपने सभी सदस्यों को उसके गांव संबंधी उस जानकारी के बारे में बताया जो नजमुनार खातून (अब रूपा मंडल) नाम की महिला ने अपने पिता के नाम के साथ पत्रकार को दी थी। हमने उत्तर 24 परगना जिले के मीनाखान इलाके में उसके परिवार का पता लगा लिया।” इसके बाद रेडियो क्लब के सदस्यों ने महिला की तस्वीर उसके परिवार वालों को भेजी और वीडियो कॉल के जरिए उनकी बात कराई।
महिला के पिता जाकिर तरफदार ने फोन पर कहा, “मेरी बेटी अब राजस्थान के करौली जिले के पटोना गांव में रहती है और उसने एक हिंदू व्यक्ति से शादी कर ली है। वह तीन बच्चों की मां है।” तरफदार ने कहा कि उसके परिवार को इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि उसने एक हिंदू व्यक्ति से शादी की है। उसने ने कहा, “मुझे खुशी है कि मेरी बेटी जीवित है और उसका एक परिवार है। हम उससे मिलने जाएंगे। हम यात्रा की व्यवस्था कर रहे हैं।” तरफदार ने कहा कि उसे यह नहीं पता कि उसकी बेटी नयी दिल्ली में काम करते वक्त कैसे लापता हो गई।
तरफदार ने कहा, “मैं यह नहीं कह सकता कि मेरी बेटी तस्करी का शिकार हुई थी या नहीं।” पश्चिम बंगाल में रेडियो क्लब के सदस्यों ने राजस्थान में अपने समकक्षों से संपर्क किया और महिला एवं उसके पति के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय महाबीरजी पुलिस थाने से मदद मांगी। महिला के पति योगेश कुमार नाहरवाल ने कहा कि उसे तरफदार की बेटी लगभग 12 साल पहले नयी दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर रोती हुई मिली थी। उस वक्त वह यह नहीं बता पायी थी कि वह कहां की रहने वाली है। बाद में वह उसके साथ राजस्थान चली गई।