Dilroz Murder Case : मासूम दिलरोज को मिला न्याय, हत्यारी नीलम को मिली मौत की सजा

28 नवंबर 2021 को शिमलापुरी इलाके की रहने वाली नीलम नाम की महिला ने पड़ोस में रहने वाली ढाई साल की मासूम दिलरोज का अपहरण करने के बाद सलेम टाबरी इलाके में ले गई और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।

लुधियाना : लुधियाना के दिलरोज मर्डर केस में जिला कोर्ट एवं सेशन जज ने कड़ा फैसला सुनाते हुए इस मामले में दोषी नीलम को मौत की सजा सुनाई हैं। दिलरोज की हत्या के मामले की सुनवाई मंगलवार को सत्र न्यायाधीश मुनीष सिंगल की अदालत में अपने नतीजे पर पहुंची और आज अदालत ने दोषी को मौत की सजा का फैसला सुनाया।

पीड़िता के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील पारुपकर सिंह घुमन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सेशन कोर्ट ने सभी दलीलें सुनने के बाद मौत की सजा का ऐलान किया है। वकील घुम्मन ने आगे कहा कि अदालत के फैसले ने समाज को स्पष्ट और मजबूत संदेश दिया है कि ऐसे जघन्य अपराध के लिए दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

क्या है पूरा मामला :

28 नवंबर 2021 को शिमलापुरी इलाके की रहने वाली नीलम नाम की महिला पड़ोस में रहने वाले ढाई साल के मासूम दिलरोज़ का अपहरण करने के बाद उसे सलेम टाबरी इलाके में ले गई और जिंदा दफन कर बेरहमी से मार डाला।

नीलम ने परिवार के साथ पुरानी दुश्मनी के कारण बच्चे की हत्या की योजना बनाई। उसने सलेम टाबरी के पास एक खेत में गड्ढा खोदकर बच्चे को जिंदा दफना दिया। घटना के बाद आरोपी घर लौट आया और सामान्य व्यवहार करने लगा।

हालाँकि, पुलिस द्वारा सीसीटीवी स्कैन करने के बाद पूछताछ के दौरान उसने कबूल कर लिया कि वह लड़की को अपने स्कूटर पर ले जा रहा था। शिमलापुरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 364 (हत्या के इरादे से अपहरण) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी और बच्चे की मौत के बाद आईपीसी की धारा 302 और 201 जोड़ी गई थी।

पूछताछ के दौरान उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और कहा कि उसने बच्ची को सलेम टाबरी के खेतों में एक गड्ढे में दफना दिया था। पुलिस ने बच्ची को बचाया और उसे दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) पहुंचाया, लेकिन उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी।

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