पंजाब के वित्त और शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को भारी पड़ी अदालत के आदेश की अवहेलना, वेतन रोकने का आदेश

चंडीगढ़ (नीरू) : पंजाब में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अपने अधीन लेने के बाद पूर्व में दी गई सेवाओं को जोड़ने के पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना अधिकारियों को भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को सेवा लाभ जारी होने तक वित्त और शिक्षा.

चंडीगढ़ (नीरू) : पंजाब में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अपने अधीन लेने के बाद पूर्व में दी गई सेवाओं को जोड़ने के पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना अधिकारियों को भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को सेवा लाभ जारी होने तक वित्त और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है।

अनिल कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट में बताया कि याचिकाकर्ताओं ने 2012 में कहा गया था कि सरकारी स्कूलों में शामिल होने पर उनके वेतन निर्धारण के लिए सहायता प्राप्त स्कूलों में दी गई सेवाओं को भी जोड़ा जाए। इस पर हाईकोर्ट ने सेवाओं को जोड़कर वेतन तय करने का आदेश दिया था, जिसका पालन सरकार ने नहीं किया।

16 अगस्त 2023 को सरकार ने कहा था कि आदेश का पालन करने की दिशा में काम किया जा रहा है और तीन महीने बाद जब मामला दोबारा सुनवाई के लिए पहुंचा तो हाईकोर्ट को पता चला कि अभी तक राज्य सरकार आदेश का पालन करने में विफल रही है। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जब तक सख्त आदेश जारी नहीं किए जाएंगे तब तक पालन नहीं होगा।

ऐसे में हाईकोर्ट ने वित्त और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया। इन अधिकारियों को तब तक वेतन जारी न करने का आदेश दिया है जब तक कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो जाता। इस याचिका की सुनवाई फरवरी महीने में होगी।

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