गतका खेल लड़कियों के लिए आत्मरक्षा का बेहतर, आसान और सस्ता विकल्प: Harjit Singh Grewal

होला महल्ला का पवित्र उत्सव सिखों को उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने, भक्ति, शक्ति और उच्च मानवीय आदर्शों को अपनाने के लिए नए जोश

श्री आनंदपुर साहिब: होला महल्ला का पवित्र उत्सव सिखों को उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने, भक्ति, शक्ति और उच्च मानवीय आदर्शों को अपनाने के लिए नए जोश और उत्साह से भर देता है। आज के युग में गुरसिक्खी और विरासत संरक्षण के लिए गतका खेल लड़कों विशेषकर लड़कियों के लिए आत्मरक्षा का एक बेहतर, आसान और सस्ता विकल्प है, जो खिलाड़ियों को स्वस्थ और निडर जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है। यह अभिव्यक्ति यहाँ इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट काउंसिल के चेयरमैन व जनसंपर्क विभाग पंजाब के संयुक्त निदेशक हरजीत सिंह ग्रेवाल ने काउंसिल द्वारा शुरू की गई विरासत संरक्षण गतका प्रतियोगिता श्रृंखला के तहत खालसा के ऐतिहासिक राष्ट्रीय त्योहार होला-महला के अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित 10वें विरासत संरक्षण होला-महल्ला गतका कप-2024 का उद्घाटन करते हुए प्रगट की।

इस अवसर पर उनके साथ बाबा शेर सिंह चक माहोराणा, नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुखचैन सिंह कलसानी और गतका एसोसिएशन पंजाब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह लुधियाना भी उपस्थित थे। इस अवसर पर नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष सुखचैन सिंह कलसानी ने काउंसिल द्वारा शुरू किए गए ‘विरासत संरक्षण शस्त्र विद्या लहर’ की सराहना की और कहा कि जब आज हमारी युवा पीढ़ी अपनी विरासत को भूलती जा रही है, तो उस समय युवा को विरासत के साथ जोड़ने के लिए होला महल्ले का उत्सव और ऐसी विरासत संरक्षण प्रतियोगिताएं प्रेरणा का स्रोत बनती हैं।


अपने संबोधन में गतका एसोसिएशन पंजाब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह लुधियाना ने कहा कि इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट एकेडमी (इसमा) और ग्लोबल सिख काउंसिल के सहयोग से आयोजित यह विरासत शस्त्र विद्या और जंगजू खेल गतका प्रतियोगिता पूर्ण खालसाई जाहो-जलाल के साथ समाप्त हुई जिसमें विभिन्न जिलों और राज्यों से आए शीर्ष अखाड़ों ने खंडे, ढाल-तलवार, भाले, नेज़े, डांग और चक्रों के साथ मार्शल आर्ट का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया और दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि यह विरासत संरक्षण शस्त्र विद्या और गतका प्रतियोगिताओं का यह सिलसिला देशभर में जारी रहेगा।


जिला रूपनगर गतका एसोसिएशन की अध्यक्ष बीबी मंजीत कौर ने कहा कि इस विरासत संरक्षण गतका प्रतियोगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे और बुराइयों से दूर रखना, स्वस्थ जीवन जीना, विरासत और बानी-बाने से जोड़ना है। उन्होंने सभी संगत से अपील की कि प्रत्येक सिख को अपनी विरासत को अपनाना चाहिए और शस्त्र विद्या में पारंगत होना चाहिए। खालसा के सम्मान, बान और शान की प्रतीक इन गतका प्रतियोगिताओं में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की कुल 10 शीर्ष टीमों ने भाग लिया।

गतका प्रदर्शनी के प्रतियोगियों में खालसा गतका अकादमी हरियाणा, राष्ट्रीय कलगीधर गतका अखाड़ा भांबरी, फतेहगढ़ साहिब, बाबा जीवन सिंह गतका अखाड़ा मोरिंडा, रूपनगर, प्रथम सहाय गतका अखाड़ा लुधियाना, मीरी-पीरी गतका अखाड़ा घनौली, रूपनगर, बाबा जोरावर सिंह जी बाबा फतेह सिंह जी गतका अखाड़ा समराला, बाबा शादी सिंह गतका अखाड़ा बाजीदपुर, रूपनगर, अमर शहीद धन धन बाबा दीप सिंह जी गतका अखाड़ा रडयाला, मोहाली, अकाल पुरख की फौज गतका अखाड़ा रूपनगर, शहीद सिंघा गतका अखाड़ा नवां शहर, अमर शहीद धन धन बाबा दीप सिंह जी इंटरनेशनल गतका अखाड़ा तियोड ,मोहाली के गतकेबाजों ने युद्ध कला के जौहर दिखाए।


इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा इस्मा के वित्त सचिव बलजीत सिंह सैनी, राष्ट्रीय संयोजक योगराज सिंह, बलजीत सिंह बल्ली बटाला, जिला रूपनगर गतका एसोसिएशन के महासचिव गुरविंदर सिंह काकू, वित्त सचिव जसप्रीत सिंह, बाज खालसा गतका अखाड़ा के प्रधान गुरप्रीत सिंह रोपड़, सरबजीत सिंह आनंदपुर साहिब, रविंदर पाल सिंह चंडीगढ़ गतका एसोसिएशन, जसबीर सिंह जस्सी बटाला, संतोख सिंह आनंदपुर आदि भी उपस्थित थे।

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