ट्रिब्यून फ्लाई ओवर निर्माण में हाईकोर्ट ने कार्रवाई का ब्योरा किया तलब

जीरकपुर से ट्रिब्यूनल चौक तक बनने वाले फ्लावर के निर्माण के कारण 700 पेड़ काटे जाने के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लोगों के सुझाव आने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई का ब्योरा तलब किया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि विकास कार्य को अनिश्चितकालीन के लिए नहीं टाला.

जीरकपुर से ट्रिब्यूनल चौक तक बनने वाले फ्लावर के निर्माण के कारण 700 पेड़ काटे जाने के मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लोगों के सुझाव आने के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई का ब्योरा तलब किया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि विकास कार्य को अनिश्चितकालीन के लिए नहीं टाला जा सकता क्योंकि समस्या का समाधान जल्द निकलना बेहद जरूरी है।

याचिका में द रन क्लब ने हाई कोर्ट को बताया कि उन्हें एक समाचार पत्र की खबर से पता चला कि इस ट्रिब्यूनल फ्लावर को बनाने के लिए दक्षिण और पूर्व मार्ग के किनारे लगे सु पेड़ काटे जाने हैं और इन पेड़ों पर निशान भी लगा दिए गए हैं। याची के अनुसार यह सभी 700 पेड़ शहर में दशकों से हर भरे खड़े हैं। यह शहर का और इसकी यादों का एक हिस्सा है और ऐसे में इन्हें नहीं काटा जाना चाहिए याचिकाकर्ता ने यह पेड़ शहर के पर्यावरण के लिए भी बेहद जरूरी है।

पर्यावरण तेजी से दूषित हो रहा है और हवा के गुणवत्ता गिर रही है उसे दौर में इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटना सीधे तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना है। प्रशासन का निवेश शहर के पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करेगा। जो ना तो शहर के लिए अच्छा है और ना ही यहां के नागरिकों के लिए अच्छा होगा। याचिनी हाईकोर्ट से अपील की की इन पेड़ों को काटने पर रोक लगाई जाए। क्लब ने हाई कोर्ट को बताया कि जब चंडीगढ़ का मास्टर प्लान 2031 बनाया गया था तो इसमें ट्रिब्यून चौक में बना रहे फ्लाईओवर का ना तो कोई जिक्र था और ना ही कोई प्रावधान था। फ्लावर के कारण ही शहर को शुद्ध वायु देने वाले हरे भरे 700 पेड़ों को काटा जाएगा तो वही याची ने कहा कि मास्टर प्लान में अंडरपास का प्रावधान भी है और वही बनाना चाहिए।

 

 

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