चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब पर कर्ज के सवाल राज्यपाल साहिब ने उठाये है लेकिन यहां राज्यपाल को पंजाब सरकार की मदद करनी चाहिए थी। वित्त मंत्री ने बताया किस तरह मुख्यमंत्री लगातार केंद्रीय मंत्री को चिट्ठियां लिख रहे है कि आरडीएफ के हमारे 5637 करोड़ का बकाया हमे दिया जाए। हमने राज्यपाल के माध्यम से भी केंद्र को आरडीएफ फंड रिलीज करने को लेकर चिट्ठी भेजी थी लेकिन पंजाब के साथ खड़ा होने की जगह राज्यपाल बीजेपी के साथ खड़े हुए और उन्होंने पंजाब सरकार से 50 हजार करोड़ का हिसाब मांगा है।
कर्जे पर वित्त मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के कर्ज बढ़ रहे है क्योंकि केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है। उन्होंने आगे बताया की, “पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी उसके बाद से हम पंजाबियों के किए वादे पूरे कर रहे है अब तक हमने करीब 37 हजार के करीब पक्की नौकरियां नौजवानों को दी। 25 साल से संघर्ष कर रहे 13 हजार कच्चे टीचरों को पक्का करने का काम किया और उनकी तनख्वाह 3 गुना बढाई। इसी तरह आंगनवाड़ी वर्कर की भर्ती जारी है। पटवारियों की भर्ती जारी है ट्रैनिंग दौरान पटवारियों का स्टाफ़न 5000 था जिसे बढ़ा कर 18000 कर दिया गया है।”
भारत-कनाडा के मसले पर मंत्री हरपाल चीमा ने कहा की प्रधानमंत्री मोदी को तुरंत ट्रूडो के साथ बात कर मसले का हल निकालना चाहिए। अमृतसर में कल होने वाली बैठक जिसमे केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी हिस्सा ले गए पर कहा की अमित शाह के सामने चंडीगढ़ पंजाब यूनिवर्सिटी सहित सभी मुद्दे उठायेंगे। चंडीगढ़ हमारा है और इसे किसी भी सूरत में हम जाने नही देंगे।