चंडीगढ़ (मोहित श्रीवास्तव) : पंजाब में नशा छुड़ाऊ केंद्र के संचालक डा. अमित बांसल को मरीजों को नशीली गोलियां मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ब्यूरो ने इस मामले में मदद करने के आरोप में लुधियाना में तैनात ड्रग इंस्पैक्टर रूपप्रीत कौर को सह आरोपी बनाया है।
दोनों के खिलाफ विजीलैंस ब्यूरो फ्लाइंग स्क्वायड-1 मोहाली में केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपी डा. बांसल चंडीगढ़ सैक्टर 28 ए का वासी है। अमित बांसल पंजाब में करीब 22 नशा छुड़ाओ केंद्र चला रहा है। जहां नशे के आदी मरीजों को इलाज के लिए एडनोक-एन 0.4 और एडनोक-एन 2.0 (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) की गोलियां दी जाती हैं।
नशा छुड़ाने की दवाइयां मार्कीट में बेची जा रही थी-
पता चला है कि अमित बांसल द्वारा चलाए जा रहे केंद्रों में उक्त गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था और यह गोलियां बाजार में ऐसे व्यक्तियों और नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थी, जिनका नाम इन नशा छुड़ाने केंद्रों की सूची में नहीं था। इससे पहले अमित बांसल के लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल/ नशा छुड़ाओ केंद्र के कर्मचारियों विदंत और कमलजीत सिंह के खिलाफ थाना एस.टी.एफ., फेज-4, मोहाली में केस दर्ज किया था।
इन कर्मचारियों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर उनके पास से करीब 23,000 गोलियां और 90,000 रुपए की ड्रग मनी बरामद की थी। उसी दिन एस.टी.एफ. की टीम ने ड्रग इंस्पैक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में उक्त सिमरन नशा छुड़ाने केंद्र की जांच की गई, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गई।
प्रवक्ता ने बताया कि इस जांच के बाद जांच टीम के हस्ताक्षरों के तहत रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन उक्त ड्रग इंस्पैक्टर रूपप्रीत कौर ने निदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पंजाब को एक अलग रिपोर्ट भेजी, जिसमें उन्होंने डा. अमित बांसल के साथ मिलीभगत करके उसे 610 गोलियों की कमी संबंधी कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए 4610 गोलियों की बजाय 4000 गोलियों की कमी का ही उल्लेख किया।
नकोदर में चल रहे केंद्र की वीडियो वायरल हुई थी-
यह उल्लेखनीय है कि किसी व्यक्ति ने डा. बांसल के सहज अस्पताल नकोदर में चल रहे केंद्र की वीडियो वायरल की थी, जिसका तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जालंधर द्वारा तुरंत नोटिस लेते हुए इस संबंध में थाना सिटी, नकोदर में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई थी। उक्त केंद्र की जांच के दौरान वहां निरीक्षण समिति द्वारा एडनोक-एन की करीब 144000 गोलियां कम पाई गई थीं। तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जालंधर ने जांच पूरी होने तक केंद्र के ऑनलाइन पोर्टल को फ्रीज करने और इसका लाइसैंस निलंबित करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद डा. अमित बांसल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय पंजाब के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके इस मामले को दबा दिया। यह भी पता चला है कि डा. अमित बांसल के स्वामित्व वाले एक और नशा छुड़ाने केंद्र पटियाला के कर्मचारियों के खिलाफ थाना अनाज मंडी, पटियाला में एक अलग केस दर्ज किया गया है।