पंजाब मानवाधिकार आयोग पर चंडीगढ़ के मामलों का भार, कर्मचारी उपलब्ध करवाने पर निर्णय ले प्रशासन: HC

पंजाब मानव अधिकार आयोग को सुचारू कामकाज के लिए कर्मचारी उपलब्ध करवाने की मांग पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को 6 सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। आयोग वर्तमान में चंडीगढ़ के मानव अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामले भी सुन रहा है ऐसे में प्रशासन को निर्देश जारी.

पंजाब मानव अधिकार आयोग को सुचारू कामकाज के लिए कर्मचारी उपलब्ध करवाने की मांग पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को 6 सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है। आयोग वर्तमान में चंडीगढ़ के मानव अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामले भी सुन रहा है ऐसे में प्रशासन को निर्देश जारी करने की याचिका में मांग की गई थी।

एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट को बताया कि भारत सरकार ने 05 अगस्त 2021 को अधिसूचना जारी करते हुए पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग को चंडीगढ़ के मामलों को भी निपटाने का अधिकार दिया था। याची ने कहा कि इसके लिए स्वाभाविक रूप से मानवाधिकार आयोग को अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। नतीजतन, पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने चंडीगढ़ प्रशासन को 1 कानूनी सहायक, तीन निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक पुलिस निरीक्षक, एक हेड कांस्टेबल, एक वरिष्ठ सहायक, दो क्लर्क, दो डेटा एंट्री ऑपरेटर, दो ड्राइवर और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित कुल 16 लोग उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखा था।

दो साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, यूटी चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा केवल दो एएसआई को आयोग में प्रतिनियुक्त किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप आयोग का काम प्रभावित हो रहा है। ऐसे में याची ने पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग से सभी दस्तावेज प्राप्त करने के बाद यह जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने यूटी प्रशासन को निर्देश दिया है कि छह सप्ताह के भीतर वे पंजाब सरकार को फैसले केसंबंध में सूचित करेंगे।

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