सैलानियों की सुविधा के लिए के लिए पर्यटन केंद्रों में गेस्ट हाऊसों का किया जायेगा नवीनीकरण: मंत्री हरभजन सिंह ETO

चंडीगढ़ : पंजाब के लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने लोक निर्माण विभाग की संपत्तियों के सर्वोत्तम प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के लिए रणनीति बनायी है जिससे इनसे प्राप्त होते राजस्व को बढ़ाने के साथ-साथ सैलानियों की सुविधा के लिए पर्यटन केन्द्रों में.

चंडीगढ़ : पंजाब के लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने लोक निर्माण विभाग की संपत्तियों के सर्वोत्तम प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के लिए रणनीति बनायी है जिससे इनसे प्राप्त होते राजस्व को बढ़ाने के साथ-साथ सैलानियों की सुविधा के लिए पर्यटन केन्द्रों में नये गेस्ट हाऊसों के निर्माण और मौजूदा की मुरम्मत, ग्रामीण क्षेत्रों में हरे मैदान विकसित करने और विभाग के कर्मचारियों के लिए सरकारी रिहायशों के निर्माण जैसे कदम उठाये जा सकें।

यहाँ लोक निर्माण विभाग की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये हरभजन सिंह ई.टी.ओ ने कहा कि लोक निर्माण विभाग की देहरादून, हरिद्वार, वृन्दावन, दिल्ली और पंजाब से बाहर कई स्थानों पर संपत्तियां हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि दूसरे राज्यों में विभाग की संपत्तियों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा और रिपोर्ट करने के लिए विभागीय कमेटियाँ बनाईं जाएँ।

राज्य में स्थित विभाग की संपत्तियों की स्थिति का जायज़ा लेते हुए लोक निर्माण मंत्री ने सभी अप्रयुक्त या कम प्रयोग वाली संपत्तियों को जनहित में बरतने के लिए एक संपूर्ण योजना बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सैलानियों को आकर्षित करने के लिए अमृतसर, पठानकोट और रूपनगर आदि जिलों में लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाऊसों के निर्माण या मौजूदा गेस्ट हाऊसों की मुरम्मत करने की तरफ विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने यह भी हिदायतें दीं कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी पी.डब्ल्यू.डी गेस्ट हाऊस में बिना किराया दिये ठहर रहा है, तो सम्बन्धित विभाग से किराया वसूला जाये।

लोक निर्माण मंत्री ने आगे कहा कि अलग-अलग शहरों में विभाग की खाली पड़ीं ज़मीनों का प्रयोग विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ज़रूरत अनुसार सरकारी रिहायशें विकसित करने के लिए किया जाये। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पी.डब्ल्यू.डी की ज़मीनों को वातावरण की रक्षा के लिए हरे मैदान विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और कृषि योग्य ज़मीनों का प्रयोग बाग़बानी नरसरियों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके इलावा विभाग की वह ज़मीनें जिन पर कृषि हो रही है, से वाजिब राजस्व प्राप्त करने के लिए करवाई जाने वाली बोली की प्रणाली में पारदर्शिता लाना भी सुनिश्चित बनाया जाये।

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