भारत की नजरें WTC फाइनल पर, ऑस्ट्रेलिया करेगा श्रृंखला में वापसी की कोशिश

भारतीय टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट में बुधवार को जब यहां होल्कर मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश घरेलू सरजमीं पर लगातार 16वीं श्रृंखला में जीत के साथ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में अपनी जगह पूरी तरह से पक्की करने की होगी, वहीं दूसरी ओर आॅस्ट्रेलिया को चार मैचों की श्रृंखला में.

भारतीय टीम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट में बुधवार को जब यहां होल्कर मैदान पर उतरेगी तो उसकी कोशिश घरेलू सरजमीं पर लगातार 16वीं श्रृंखला में जीत के साथ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में अपनी जगह पूरी तरह से पक्की करने की होगी, वहीं दूसरी ओर आॅस्ट्रेलिया को चार मैचों की श्रृंखला में वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। भारतीय टीम ने शुरुआती दो मैच जीतकर पहले ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है और इस मैच में टीम के सामने एक बड़ी चुनौती चयन को लेकर है। टीम को खराब फॉर्म से जूझ रहे लोकेश राहुल और शुभमन गिल में से किसी एक को चुनना होगा।

राहुल अब उप-कप्तान नहीं हैं, लेकिन टीम प्रबंधन ने उन पर जबरदस्त विश्वास दिखाया है और ऐसे में उन्हें लय हासिल करने का एक और मौका मिल सकता है।स्पिनरों के दबदबे वाली श्रृंखला में अब तक इकलौता शतक रोहित शर्मा के बल्ले से निकला है। अगर भारतीय टीम को पहले दिन बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है, तो उनके अलावा चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के पास रनों का पहाड़ खड़ा करने का मौका होगा। रंिवद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल की तिकड़ी गेंद से कमाल का प्रदर्शन करने के अलावा श्रृंखला में अब तक अधिकांश रन भी बनाए हैं। निचले क्रम में हालांकि उनसे नियमित रूप से रन बनाने की उम्मीद नहीं की जा सकती है ऐसे में शीर्ष क्रम को यह जिम्मेदारी उठानी होगी।

भारतीय स्पिनरों के खिलाफ स्वीप शॉट खेलने की ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजों की रणनीति पूरी तरह से विफल रही लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने प्रतिद्वंद्वी स्पिनरों के खिलाफ पारंपरिक तरीका अपनाया और उन्हें इसका फायदा भी मिला। रोहित का फुटवर्क शानदार रहा तो वहीं कोहली भी बल्लेबाजी के दौरान सहज दिखे। अपने 100वें टेस्ट की दूसरी पारी में चेतेश्वर पुजारा ने नाबाद 31 रन की पारी खेली जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ होगा। होलकर स्टेडियम में काली और लाल दोनों तरह की मिट्टी की पिच है। पिच क्यूरेटरों ने हालांकि काली मिट्टी की पिच को इस्तेमाल करने का फैसला किया है , जिस पर आमतौर पर लाल मिट्टी की तुलना में टर्न और उछाल कम होगी।

नागपुर और दिल्ली में शिकस्त झेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया को अपनी योजना पर काम करने के लिए काफी समय मिला। टीम को हालांकि दिल्ली की हार अधिक खलेगी क्योंकि सिर्फ एक सत्र में खराब प्रदर्शन का उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा। इंदौर में हालांकि टीम में कई बदलाव के साथ मैदान पर उतरेगी। कप्तान पैट कंिमस के साथ अपनी बीमार मां के साथ रहने के लिए स्वदेश लौट गये है। एश्टन अगर, जोश हेजलवुड और डेविड वॉर्नर भी चोट के कारण स्वदेश लौट आए हैं। ऐसे में टीम की कमान स्टीव स्मिथ के हाथों में होगी। भारतीय स्पिनरों के खिलाफ स्वीप शॉट लगाने की योजना पूरी तरह से विफल होने के बाद उम्मीद है कि आॅस्ट्रेलिया के बल्लेबाज अश्विन और जडेजा के खिलाफ पारंपरिक योजना से बल्लेबाजी करेंगे। इन दोनों गेंदबाजों के दबदबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अक्षर को इन दो टेस्ट मैचों में सिर्फ 26 ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिला है।

वॉर्नर की गैरमौजूदगी में उस्मान ख्वाजा के साथ ट्रेविस हेड पारी का आगाज कर सकते है। ख्वाजा ने दिल्ली में पहली पारी में 81 रन बनाये थे जबकि दूसरी पारी में हेड ने भारतीय स्पिनरों पर दबाव बनाया था। ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी इकाई काफी हद तक स्मिथ और मार्नुस लाबुशेन पर निर्भर है लेकिन यह दोनों बल्लेबाज श्रृंखला में अभी लय में नहीं दिखे है। मिशेल स्टार्क के साथ आॅलराउंडर कैमरन ग्रीन फिट हैं और दोनों को अंतिम एकादश में जगह मिलने की उम्मीद है। इस बात की संभावना है कि ऑस्ट्रेलिया टीम नाथन लियोन, टॉड मर्फी और मैथ्यू कुहनेमैन के रूप में तीन विशेषज्ञ स्पिनरों के साथ मैदान में उतरेगी।

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