राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों से कहा, टेस्ट क्रिकेट मुश्किल है, सफलता के लिए एक दूसरे की जरूरत पड़ेगी

भारत की इंग्लैंड पर पांच मैच की श्रृंखला में 4-1 की यादगार जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में प्रेरणादायक भाषण देते हुए राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को टेस्ट

धर्मशाला: भारत की इंग्लैंड पर पांच मैच की श्रृंखला में 4-1 की यादगार जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में प्रेरणादायक भाषण देते हुए राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट की मुश्किल डगर में फतह हासिल करने के लिए एकजुट बने रहने और एक इकाई के तौर पर खेलने की अहमियत बतायी। हैदराबाद में पहले टेस्ट में हारने के बाद मेजबान टीम ने शानदार वापसी करते हुए अगले चार मैच जीतकर श्रृंखला कब्जायी।

द्रविड़ ने ‘बीसीसीआई डॉट टीवी’ पर पोस्ट किये गये एक वीडियो में कहा, ‘‘इस तरह श्रृंखला को जीतना होता है और यह मुश्किल है। कभी कभार टेस्ट क्रिकेट मुश्किल होता है। यह आपके कौशल के मामले में, शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी मुश्किल होता है जैसा कि आपने देखा ही है। ’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘लेकिन अंत में यह बहुत संतोषजनक होता है। आपको श्रृंखला जीतने के बाद जो संतुष्टि मिलती है, मुझे लगता है कि यह अभूतपूर्व होती है। जैसे इस श्रृंखला में एक मैच में हार से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 4-1 से जीतना, कितना संतोषजनक है। ’’ वहीं विराट कोहली और मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे अहम खिलाड़ी श्रृंखला के दौरान अनुपलब्ध रहे। टीम को श्रृंखला में कुछ युवा खिलाड़ी मिले जिन्होंने शानदार खेल दिखाया। इस श्रृंखला में भारत के पांच खिलाड़ियों रजत पाटीदार, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडीक्कल, सरफराज खान और आकाश दीप ने पदार्पण किया।

जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा भी एक एक मैच में नहीं खेले। पर भारतीय कोच युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन करने से काफी खुश थे। उन्होंने कहा, ‘‘आप युवा खिलाड़ियों में ज्यादातर सभी को सफलता हासिल करने के लिए एक दूसरे की जरूरत होगी। भले ही आप बल्लेबाज हो या गेंदबाज, आपकी सफलता दूसरे खिलाड़ी की सफलता से जुड़ी होगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी एक दूसरे की सफलता में भूमिका निभाओगे। आगे यह बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। यह सिर्फ आपकी सफलता के बारे में नहीं है बल्कि आप किस तरह अन्य खिलाड़ियों को सफलता हासिल करने में मदद करते हो क्योंकि बदले में वो भी आपकी सफलता में मदद करेंगे। ’’ द्रविड़ (51 वर्ष) इस बात से खुश थे कि जब भी खिलाड़ी दबाव में होते तो वे इससे निकलने के तरीके ढूंढते रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘श्रृंखला में ऐसा भी समय था जब हमें कड़ी चुनौती मिली और हम पिछड़ गये लेकिन हमने वापसी का तरीका ढूंढ लिया जो हमारे कौशल को दिखाता है कि हमारे पास कितना लचीलापन है, हमारा जज्बा कैसा है। ’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘श्रृंखला में कई मौकों पर मैच का नतीजा किसी भी ओर जा सकता था। लेकिन ड्रेसिंग रूम में हमारे पास हमेशा ऐसे खिलाड़ी मौजूद रहे जिन्होंने आगे बढक़र मैच का रूख हमारी ओर कर दिया। यह शानदार था। ’’ उन्होंने यह भी कहा कि टीम ने श्रृंखला के दौरान मिले मौकों का भी पूरा फायदा उठाया।

पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘हमें सिर्फ पिछड़ने के बाद वापसी करके ही मैच नहीं जीतने होते बल्कि जब हम अच्छी स्थिति में हों तो भी प्रतिद्वंद्वी को वापसी का मौका नहीं देकर जीत हासिल करनी होती है। ’’ द्रविड़ ने कहा, ‘‘हमने श्रृंखला के शुरू में ही बात की थी कि भले ही हम इसे जीते या हारे, लेकिन पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला से हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा। आप इस दौरान काफी उतार चढ़ाव से गुजरोगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ी श्रृंखला थी तो आपकी परीक्षा होनी ही थी। और यह हमें बतौर खिलाड़ी और बतौर टीम काफी कुछ सिखाने वाली थी। पर हमने मैदान के अंदर और बाहर सभी चुनौतियों से निपटते हुए शानदार जीत हासिल की। ’’

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