इंदौर : इंदौर के वन मंडलाधिकारी (DFO) ने शुक्रवार को अपने सरकारी बंगले में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) अमित सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी का शव नवरतन बाग स्थित उनके सरकारी बंगले में फांसी के फंदे पर लटका पाया गया। सिंह ने बताया कि भारतीय वन सेवा के अधिकारी के शव को उनके बंगले के एक कमरे का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया, प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। हालांकि, इसका कारण अभी पता नहीं चल सका है। मौके पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि कथित आत्महत्या से पहले सोलंकी का छोड़ा गया कोई पत्र पुलिस को अब तक नहीं मिला है।
आत्महत्या की वजह पता लगाने के लिए उनके परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे
सिंह ने बताया, सोलंकी शुक्रवार को एक सरकारी बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बताया गया था कि उनकी तबीयत खराब है। उन्होंने बताया,पुलिस को सोलंकी की आत्महत्या की सूचना शुक्रवार शाम पांच बजे के आस-पास मिली। हमें पता चला है कि डीएफओ ने शुक्रवार अपराह्न् एक बजे के बाद किसी भी व्यक्ति का फोन नहीं उठाया था। सिंह ने बताया कि सोलंकी की पत्नी एक सेवानिवृत्त शिक्षिका हैं और उनके बुजुर्ग माता-पिता भी उनके साथ सरकारी बंगले में रहते थे। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने कहा,सोलंकी की आत्महत्या की वजह पता लगाने के लिए उनके परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उनके मोबाइल फोन की जांच की जाएगी। उन सब लोगों से भी पूछताछ की जाएगी जिनकी डीएफओ की आत्महत्या से चंद घंटे पहले उनसे फोन पर बात हुई थी। सोलंकी को नजदीक के जानने वाले एक वन अधिकारी ने बताया कि डीएफओ की गिनती बेहद खुशमिजाज अफसरों में होती थी और आत्महत्या का उनका कथित कदम चौंकाने वाला है।