महिषासुर तथा उसकी सेना के देवी के हाथ से मारे जाने पर इन्द्र और देवता प्रणाम के लिए शीश झुकाकर उत्तम वचनों द्वारा गुणगान करने लगे। वे सभी खुशी के कारण प्रफुल्लित नजर आ रहे थे। देवता बोले, ‘‘सम्पूर्ण देवताओं की शक्ति का समुदाय ही जिनका स्वरूप है तथा जिन्होंने अपनी शक्ति से सम्पूर्ण जगत.