जातिवादी द्वेष और अनर्गल मुद्दों की राजनीति करने वाले सपा से रहें सावधान : Mayawati

लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के बहुजन समाज के उनके झंडे तले बड़े पैमाने पर एकजुट होने के दावे के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समुदाय को, जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष और अनर्गल मुद्दों की राजनीति करने वाली.

लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के बहुजन समाज के उनके झंडे तले बड़े पैमाने पर एकजुट होने के दावे के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने बुधवार को कहा कि दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और मुस्लिम समुदाय को, जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष और अनर्गल मुद्दों की राजनीति करने वाली सपा से सावधान रहना चाहिए। मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम द्वारा बनाए गए सपा-बसपा गठबंधन का भी जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बनने के बावजूद मुलायम सिंह यादव की नीयत साफ नहीं थी और उन्होंने बसपा को बदनाम करना और दलितों का उत्पीड़न जारी रखा था।

मायावती ने आज किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में सपा पर हमले किए। उन्होंने कहा, कि सपा प्रमुख की मौजूदगी में ’मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता (स्वामी प्रसाद मौर्य) पर मुकदमा दर्ज होने की खबर सुर्खिंयाें में है। वास्तव में उत्तर प्रदेश के विकास और जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।

गौरतलब है कि श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी करके विवादों से घिरे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने गत सोमवार को रायबरेली में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किये जाने के मौके पर वर्ष 1993 के र्चिचत नारे जब मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गये जय श्रीराम को दोहराया था। इस मामले में उनके खिलाफ हिन्दू युवा वाहिनी के एक स्थानीय नेता की तहरीर पर धाíमक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया था कि दलित समुदाय बहुत बड़े पैमाने पर सपा के साथ जुड़ा रहा है। मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, कि यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन 1993 में कांशीराम ने सपा-बसपा गठबंधन अच्छी भावना के तहत किया था, किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का मुख्यमंत्री बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की थी। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, कि इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व ऊंची जाति के समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था उसके पीछे बसपा को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी। अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत है।

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