उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी बने समधी, रचाया बेटा-बेटी का विवाह

कौशांबीः कौशांबी जिले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो कैदी आपस में समधी बन गए। दोनों कैदियों ने अपने बेटे और बेटी का बुधवार को विवाह कर दिया। शासन ने उन्हें पैरोल पर भेज कर इस रिश्ते की सभी रस्मों को पूरा कराया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी हैं। कौशांबी जिला जेल.

कौशांबीः कौशांबी जिले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो कैदी आपस में समधी बन गए। दोनों कैदियों ने अपने बेटे और बेटी का बुधवार को विवाह कर दिया। शासन ने उन्हें पैरोल पर भेज कर इस रिश्ते की सभी रस्मों को पूरा कराया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी हैं। कौशांबी जिला जेल प्रभारी जेलर भूपेश सिंह ने बताया कि जिले के पिपरी थाना क्षेत्र के कटहुला गांव निवासी धारा सिंह को कई साल पहले हुए एक हत्याकांड में दोषी करार दिया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

उन्होंने बताया कि जेल में ही धारा सिंह की मुलाकात अजरुन यादव से हुई जो गांव में हुई एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। जेल में दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई और धारा सिंह और अजरुन सिंह ने जेल में ही अपने बच्चों का रिश्ता तय कर दिया। जेलर ने बताया कि धारा सिंह का बेटा सुमित सिंह भी अपने पिता के साथ जेल की सजा काट रहा था और 10 साल की सजा पूरी होने पर वह कुछ दिनों पहले जेल से रिहा हुआ था। अजरुन सिंह को धारा सिंह का बेटा सुमित सिंह अपनी बेटी के लिए योग्य वर लगा।

अजरुन सिंह और धारा सिंह को विवाह की रस्मों को निभाने के लिए बुधवार को जेल से पैरोल पर छोड़ा गया और धारा सिंह का 26 वर्षीय बेटा सुमित, अजरुन सिंह के घर बारात लेकर पहुंचा। विवाह की रस्में अदा करने के लिए पुलिस अजरुन सिंह और धारा सिंह को लेकर वैवाहिक समारोह में पहुंची। भूपेश सिंह ने बताया कि शासन से स्वीकृत आदेश के अनुसार अजरुन सिंह को 21 दिन की पैरोल जबकि धारा सिंह को चार दिन की पैरोल पर छोड़ा गया है।

 

 

 

 

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