PM Modi के मार्गदर्शन में नई ऊंचाइयां छू रहे India-Germany के संबंध : CM Yogi

लखनऊः भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में उनके पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट कर औद्योगिक निवेश को लेकर चर्चा की। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि.

लखनऊः भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में उनके पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट कर औद्योगिक निवेश को लेकर चर्चा की। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में जर्मन राजदूत का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 से अधिक वर्षों के व्यापारिक इतिहास के साथ भारत और जर्मनी आíथक सहयोग के समान अतीत से जुड़े हुए हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में दोनों देशों के बीच पारस्परिक संबंध नयी ऊंचाइयों को छू रहे हैं। योगी ने एकरमैन को बताया कि प्रदेश सरकार 10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से सरकार उत्तर प्रदेश में व्यापार के असीम अवसरों को प्रर्दिशत करेगी और भारत की प्रगति में सहयोग करने के लिए वैश्विक व्यापारिक समुदाय को एक उत्कृष्ट मंच उपलब्ध कराएगी।

इस मौके पर राजदूत फिलिप ने कहा, कि उत्तर प्रदेश के साथ हम कई क्षेत्रों में अच्छे सहयोगी की भूमिका में हैं। आगामी फरवरी में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जर्मनी के कई उद्योग समूह उत्तर प्रदेश आने के इच्छुक हैं और यह समिट दोनों देशों के पारस्परिक संबंधों को और मजबूत करने वाला साबित होगा। योगी ने इस मौके पर कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश की कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में आठ प्रतिशत का योगदान देता है और यह क्षेत्रफल के लिहाज से भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य तथा देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेशकों की आवशय़कताओं/अपेक्षाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था, पर्याप्त एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति, विशाल लैंड बैंक की उपलब्धता उद्योगों के लिए उत्साहजनक है। उन्होंने कहा, कि हमारी उद्योग अनुकूल नीतियों से प्रदेश का व्यावसायिक-औद्योगिक माहौल बदला है। औद्योगिक विकास के लिए उत्तर प्रदेश में सभी जरूरी आधारभूत ढांचा उपलब्ध हैं। योगी ने कहा, कि हमारे पास सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का एक बड़ा आधार है और इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। जर्मनी की उन्नत तकनीक और प्रगतिशील नीतियां एमएसएमई के विकास के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं। हम इस दिशा में सहयोग की अपेक्षा रखते हैं।

उन्होंने कहा, कि उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहा रक्षा उद्योग गलियारा जर्मनी के लिए निवेश के अवसरों से भरा हुआ है। हमारे पास विशाल भूमि है, पर्याप्त मानव संसाधन है। हम रक्षा उत्पादन की इच्छुक निवेशक कंपनियों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं। जर्मनी के लिए यह एक अच्छा मंच है। उसे उत्तर प्रदेश रक्षा उद्योग गलियारा में निवेश पर विचार करना चाहिए। आधिकारिक बयान के मुताबिक, वार्ता के दौरान जर्मन राजदूत फिलिप ने कहा, कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं। वैज्ञनिक और सामाजिक विनिमय, जलवायु, पर्यावरण, सतत विकास और ऊर्जा जैसे अनेक क्षेत्रों में हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। फिलिप ने कहा, कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। बीते छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है। वृहद पौधारोपण, एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक पर रोक और नदियों को पुनर्जीवन देने जैसे प्रयासों से उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण और परिस्थितिकी को बेहतर करने में बड़ी भूमिका निभाई है। जर्मनी इन प्रयासों की सराहना करता है।

उत्तर प्रदेश के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करते हुए फिलिप ने कहा कि जर्मनी उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित मेट्रो लाइट परियोजनाओं में सहयोग करने को तैयार है और वह इस महत्वपूर्ण परिवहन परियोजना में अपने तकनीकी विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। उत्तर प्रदेश के शैक्षिक परिदृशय़ की तारीफ करते हुए फिलिप ने कहा कि वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) गोरखपुर के साथ जर्मनी के संस्थान शोध, अनुसंधान और प्रशिक्षण में सहयोग कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि इंडो-जर्मन साइंटिस्ट काउंसिल, उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ काम करने की संभावनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है और निकट भविष्य में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

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