तिब्बत में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत ग्रामीण पुनरुत्थान में निभा रही है अहम भूमिका

प्राचीन इतिहास और विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रचुर अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें मौजूद हैं ।इधर के कुछ सालों में संस्कृति के माध्यम से आर्थिक विकास बढ़ाने का नया रास्ता ढूंढने के लिए तिब्बत के संबंधित विभागों ने ग्रामीण पुनरुत्थान में अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की भूमिका पर जोर दिया है.

प्राचीन इतिहास और विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रचुर अमूर्त सांस्कृतिक विरासतें मौजूद हैं ।इधर के कुछ सालों में संस्कृति के माध्यम से आर्थिक विकास बढ़ाने का नया रास्ता ढूंढने के लिए तिब्बत के संबंधित विभागों ने ग्रामीण पुनरुत्थान में अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की भूमिका पर जोर दिया है ।अब तक 151 अमूर्त विरासतों के वर्कशॉप स्थापित किये गिये हैं ,जो 49 काउंटियों में बसे हैं ।6 हजार से अधिक लोग संबंधित हुनर पर महारत हासिल कर अपने घर में ही काम करते हैं । प्रति व्यक्ति की सालाना आय लगभग 31 हजार युआन से अधिक है । निमू काउंटी मध्य व दक्षिण तिब्बत में स्थित है, जो राजधानी ल्हासा से 147 किलोमीटर दूर है ।जुलाई 2018 में चीनी संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय और राज्य परिषद के गरीबी उन्मूलन कार्यालय ने निमू काउंटी को पहले जत्थे के अमूर्त विरासत प्लस गरीबी उन्मूलन के समर्थन वाली पाइलट परियोजनाओं की सूची में शामिल कराया ।तिब्बती संस्कृति विभाग ने अमूर्त विरासतों के संरक्षण और गरीबी उन्मूलन को जोड़कर निमूm काउंटी के 111 गरीब परिवारों को रोजगार प्रदान किये ।जनवरी 2020 में तिब्बती संस्कृति विभाग ने निमू में मिले अनुभवों के आधार पर संबंधित विभागों के साथ निमू के गरीबी उन्मूलन के नये तरीके का प्रचार प्रसार शुरू किया ।उन्होंने ऊन बुनाई ,काष्ठ नक्काशी ,धातु ढालने और परंपरागत चित्रण जैसी परंपरागत शिल्पकला से जुड़े व्यक्तिगत शॉप ,सहकारी समिति व छोटे उद्यम को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत वर्कशॉप की स्थापना के दायरे में शामिल कराया, ताकि उन को सरकार की ओर से वित्त व नीति का समर्थन मिले । पहले अमूर्त विरासतों के उत्तराधिकारी आम तौर पर स्किल पर अधिक ध्यान रखते थे और उत्पादों के प्रमोशन तथा बाजार के विस्तार की उपेक्षा करते थे। अमूर्त विरासत वर्कशॉप की बिक्री माध्यम का विस्तार करने और सामाजिक प्रभाव बढ़ाने के लिएसांस्कृतिक विभाग ने कई उपाय अपनाये ।उदाहरण के लिए सांस्कृतिक विभाग ने विभिन्न परंपरागत त्योहारों के मौके पकड़कर अमूर्त विरासतों के उत्पादों के प्रदर्शन व बिक्री मंच स्थापित किये ।इस के अलावा सांस्कृतिक विभाग ने इंटरनेट पर अमूर्त विरासत के उत्पादों की ब्रिकी बढ़ाने की बड़ी कोशिश की ।उत्पादों की गुणवत्ता पर प्राथमिकता देकर वर्कशॉप के ब्रैंड की स्थापना पर बल दिया गया । प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि अमूर्त विरासत वर्कशॉप ने एक तरफ आम लोगों की आय बढ़ायी है ,दूसरी तरफ श्रेष्ठ परंपरागत संस्कृति की बेहतर सुरक्षा की गयी है।अगले चरण में हम प्रदेश के अधिक व्यापक क्षेत्रों में अमूर्त विरासत वर्कशॉप लोकप्रिय बनाएंगे, ताकि अधिक परंपरागत कौशल नये युग में फिर जीवंत हों और ग्रामीण पुनरुत्थान में अपना योगदान दें।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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