संयुक्त राष्ट्र खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के भारत में पूर्व निदेशक बिशो पराजुली ने कहा है कि भारत कम पानी और ऊंचे तापमान के दबाव को सहन करने की क्षमता रखने वाली फसलों को अपनाने और नई किस्मों के विकास का प्रयास कर रहा है। पराजुली ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले पीटीआई-भाषा से कहा कि तेजी से बदलती जलवायु के मद्देनजर इस कार्य को अधिक गंभीरता से करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें खुद को तापमान में बदलाव के अनुरूप ढालने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बात को लेकर चर्चा और प्रयास हो रहे हैं कि कम पानी का इस्तेमाल करने वाली फसलों को अपनाया जाए और नई किस्में लाई जाएं।
आय में विविधता की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।’’ पराजुली ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि भारत को इस काम के लिए अधिक तेजी से प्रयास करने चाहिए, क्योंकि जलवायु भी तेजी से बदल रही है।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा परिप्रेक्ष्य में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम नई किस्मों को अपनाएं। कुछ उसी तरह से जैसा हरित क्रांति के दौरान ऊंची उपज वाली फसलों के लिए किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कम में काम करने की जरूरत है जिनसे आगे चलकर अधिक पैदावार ली जा सके। साथ ही हमें तापमान में बदलाव के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है।’’ उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि पानी का इस्तेमाल कम से कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा संसाधन है जो धीरे-धीरे घट रहा है।