अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कनाडा और भारत के बीच हवाई उड़ानों के संबंध में नए समझौते में पंजाब और विशेष रूप से श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे अमृतसर को नज़रअंदाज करने पर कड़ी आपत्ति जताई है। शिरोमणि कमेटी के प्रवक्ता व महासचिव भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह गुरु नगर के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया है, जिसको लेकर देश-विदेश के सिखों में काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि नए समझौते के तहत भारत के कई शहरों से उड़ानों के लिए हवाई अड्डों को शामिल किया गया है, लेकिन अमृतसर को नजरअंदाज कर पंजाबियों और खासकर सिखों के साथ भेदभाव किया गया है। उन्होंने कहा कि इस साल आयोजित शिरोमणि कमेटी के बजट सत्र के दौरान शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने अमृतसर से सीधी उड़ानों के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों को भेजा था, लेकिन फिर भी सरकार ने जानबूझकर पंजाब को हवाई उड़ानों का अपना हिस्सा नहीं दिया। यह पंजाबियों के साथ अन्याय है।
भाई ग्रेवाल ने कहा कि दुनिया भर में बड़ी संख्या में सिख रहते हैं और कनाडा में भी पंजाबियों और सिखों की संख्या कम नहीं है। पंजाब से संबंधित कनाडा में रहने वाले लोगों को परिवहन के लिए कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दिल्ली से पंजाब पहुंचने के लिए उन्हें जहां अपने कीमती समय की बर्बादी झेलनी पड़ती है, वहीं उन पर भारी आर्थिक बोझ भी पड़ता है। शिरोमणि कमेटी के महासचिव ने कहा कि पंजाब के साथ यह भेदभाव बंद होना चाहिए। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि कनाडा से भारत के लिए उड़ानों का उचित हिस्सा अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिया जाना चाहिए।