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मैराथन दौड़ के माध्यम से HIV AIDS व नशीली दवाईयों का सेवन ना करने के प्रति लोगों को किया जागरूक

भिवानी: डीसी नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में स्थानीय चौ. बंसीलाल सामान्य अस्पताल में वीरवार को एचआईवी एड्स व नशीली दवाइयों का सेवन न करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शहर में कॉलेज के छात्र व छात्राओं द्वारा मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। मैराथन को सिविल सर्जन डा. रघुवीर शांडिल्य द्वारा हरी.

भिवानी: डीसी नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में स्थानीय चौ. बंसीलाल सामान्य अस्पताल में वीरवार को एचआईवी एड्स व नशीली दवाइयों का सेवन न करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शहर में कॉलेज के छात्र व छात्राओं द्वारा मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। मैराथन को सिविल सर्जन डा. रघुवीर शांडिल्य द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मैराथन में भिवानी के रैड रिबन के सभी कॉलेजों ने भाग लिया, जिसमें करीब 150 छात्र-छात्राएं शामिल थी। मैराथन दौड़ उपरान्त सिविल सर्जन डा. शांडिल्य द्वारा दौड़ में प्रथम स्थान, दूसरा स्थान व तीसरे स्थान पर आए छात्रों व छात्राओं को क्रमश: 2500, 1500 तथा 1000 रूपए देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त चौथे स्थान से आठवें स्थान तक रहने वालों को 200-200 रूपए देकर सम्मानित किया गया। इन सभी छात्र छात्राओं को यह राशि उनके बैंक खातों में डाल दी जायेगी।

सिविल सर्जन डा. शांडिल्य ने बताया कि इस मैराथन दौड़ का आयोजन एचआईवी एड्स व नशीली दवाइयों का सेवन न करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए किया गया। उन्होंने बताया कि कोई भी एचआईवी मरीज अपनी दवाई को बीच मे ना छोड़ें व अपनी दवाई का पूरा कोर्स शत् प्रतिशत अवश्य करें। अगर कोई भी मरीज दवाई को नियमित प्रकार से नही लेता है तो मरीज की बीमारी कम होने की बजाय बढने लग जाती है, जिससे स्वयं मरीज को भी परेशानी होती है। अगर किसी भी मरीज को दवाई व उसके शरीर के प्रति कोई भी समस्या महसूस होती है तो वह तुरन्त संबंधित चिकित्सक से मिलकर परामर्श ले सकता हैै।

सिविल सर्जन ने बताया कि अगर कोई भी मरीज समय पर दवाई नही लेता है तो उसके शरीर मे बीमारी मे बढोतरी होगी तथा शरीर मे फैले वायरस की संख्या बढने लग जाएगी। इसलिए मरीज प्रतिदिन समय पर दवाई लेगा तो वह भी अपना जीवन आम आदमी की तरह जी सकता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एचआईवी पॉजिटिव मरीज के लिए सरकार द्वारा प्रतिमाह 2250 रूपए दिए जाते है, लेकिन यह सहायता लेने के लिए एचआईवी पॉजिटिव मरीज की वार्षिक आय दो लाख से अधिक नही होनी चाहिए।

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