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चीन के प्रस्ताव “ग्लोबल साउथ” की आवाज को बनाते हैं तेज

“ग्लोबल साउथ” आज के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक गर्म शब्द है, जो उभरते बाजार वाले देशों और विकासशील देशों के संग्रह को संदर्भित करता है, जिनमें से ब्रिक्स देश पहला समूह हैं। गुरुवार को, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने “ब्रिक्स+” नेताओं के संवाद में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें “शांति”, “विकास” और “सभ्यता” को गहन.

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“ग्लोबल साउथ” आज के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक गर्म शब्द है, जो उभरते बाजार वाले देशों और विकासशील देशों के संग्रह को संदर्भित करता है, जिनमें से ब्रिक्स देश पहला समूह हैं। गुरुवार को, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने “ब्रिक्स+” नेताओं के संवाद में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें “शांति”, “विकास” और “सभ्यता” को गहन स्पष्टीकरण देने के लिए मुख्य शब्दों के रूप में इस्तेमाल किया गया। इससे एक बार फिर पता चलता है कि चीन हमेशा “ग्लोबल साउथ” के बारे में चिंतित रहा है और उसकी जड़ें “ग्लोबल साउथ” में हैं।

अपने भाषण में राष्ट्रपति शी ने तीन प्रस्ताव रखे। पहला, शांति बनाए रखें और सामान्य सुरक्षा हासिल करें। दूसरा, विकास को पुनर्जीवित करें और सार्वभौमिक समृद्धि प्राप्त करें, और तीसरा, एक साथ सभ्यता को बढ़ावा दें और विविधता व सद्भाव हासिल करें। इसके अलावा, उन्होंने  वैश्विक सुरक्षा पहल, वैश्विक विकास पहल और वैश्विक सभ्यता पहल की कार्यान्वयन प्रगति को बताया और चीन द्वारा “ग्लोबल साउथ” के विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए जाने वाले श्रृंखलाबद्ध उपायों की घोषणा की, जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चर्चा शुरू हुई।

“राष्ट्रपति शी का तीन सूत्री प्रस्ताव ब्रिक्स देशों और ग्लोबल साउथ की आम अपेक्षाओं के अनुरूप है” “चीन ने ग्लोबल साउथ के कई देशों को जबरदस्त विकास सहायता प्रदान की है” “चीन के नेतृत्व में ब्रिक्स देश बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने की रीढ़ शक्ति बनेंगे” इत्यादि, अंतर्राष्ट्रीय जनमत ने सकारात्मक टिप्पणियां दी हैं।

दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश के रूप में, चीन हमेशा “ग्लोबल साउथ” का एक मजबूत सदस्य रहा है, जो “ग्लोबल साउथ” के सामान्य विकास में सहायता करता है और मानव जाति के सामने आने वाली आम चुनौतियों के समाधान के लिए नए विचार और नई ताकत प्रदान करता है। 

वर्तमान में, वैश्विक सुरक्षा पहल ने क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने जैसे कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लाभ हासिल किए हैं। वैश्विक विकास पहल शुरू होने के बाद से तीन वर्षों में, विकास निधि में लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए गए हैं,1,100 से अधिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं, और 80 देशों ने “वैश्विक विकास पहल के मित्र समूह” में भाग लिया है। वहीं, वैश्विक सभ्यता पहल साझा सौंदर्य वाले विश्व सभ्यताओं वाले बगीचे के निर्माण को बढ़ावा देती है।

आज, यूक्रेन में संकट और गाजा में संघर्ष, बढ़ता वैश्विक संरक्षणवाद, लगातार विस्तृत उत्तर-दक्षिण खाई, सुस्त विश्व आर्थिक बहाली आदि परिस्थितियों में “ग्लोबल साउथ” के पुनरुद्धार का मार्ग असमान होना तय है। ऐसी पृष्ठभूमि में, ब्रिक्स तंत्र द्वारा “ग्लोबल साउथ” का नेतृत्व करना व्यावहारिक जरूरतों के अनुकूल ही नहीं, आम अपेक्षाओं से भी मेल खाता है।

“सार्वभौमिक समृद्धि” “ग्लोबल साउथ” का सामान्य लक्ष्य है। कुछ समय पहले, चीन, रूस और ब्राज़ील सहित 15 देशों ने संयुक्त रूप से “नया औद्योगीकरण अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पहल” जारी की और ब्रिक्स सहयोग ने “ग्लोबल साउथ” के विकास के लिए “त्वरक बटन” दबाया।

वहीं, “विविधतापूर्ण सामंजस्य” “ग्लोबल साउथ” द्वारा अपनाई गई दुनिया की वास्तविक प्रकृति है। हाल के वर्षों में, ब्रिक्स देशों के बीच मानवीय आदान-प्रदान जोरों पर है, फिल्म समारोहों, कला उत्सवों, खेल-कूद, शैक्षणिक मंचों आदि रंगारंग गतिविधियों के आयोजन से सभ्यताओं के बीच संवाद के पुल स्थापित किए गए हैं। 

आधुनिकीकरण लोगों की सामान्य खोज है। आधुनिकीकरण के फल से प्रत्येक देश और प्रत्येक व्यक्ति को लाभ हो, और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ावा मिले। यह चीन के प्रयासों की दिशा और “ग्लोबल साउथ” में एकता और सहयोग का लक्ष्य है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) 

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