DPI से सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों को लाभ: Sitharaman

वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई)पर आज कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत ने लक्षित त्वरित, कुशल और योगदान दिया है। श्रीमती सीतारमण ने यहां डीपीआई पर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक साथ कैसे काम कर सकते हैं विषय पर आईएमएफ द्वारा आयोजित ‘‘इंडियाज डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर –.

वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई)पर आज कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत ने लक्षित त्वरित, कुशल और योगदान दिया है। श्रीमती सीतारमण ने यहां डीपीआई पर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक साथ कैसे काम कर सकते हैं विषय पर आईएमएफ द्वारा आयोजित ‘‘इंडियाज डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर – स्टैकिंग अप द बेनिफिट्स ’’ में कहा कि कई व्यापक आर्थिक और महामारी संबंधी कठिनाइयों के कारण वर्तमान समय में, सुलभ उदाहरण सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को लाभान्वित करने के लिए डीपीआई की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने कहा कि वृहद अर्थव्यवस्था और महामारी को लेकर कई चुनौतियों का सामना हो रहा है। सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में योगदान करने के लिए डीपीआई की क्षमता बहुत बड़ी है और कठिन समय में भी देश के विकास की गति को बदल सकती है।

उन्होंने कहा कि भीरत पिछले कुछ वर्षों में डीपीआई नवीन तरीकों के माध्यम से लक्षित त्वरित और कुशल तथा समावेशी सेवा वितरण में योगदान किया है। वित्त मंत्री ने डिजिटल पहचान पर जोर देते हुये कहा कि डिजिटल भुगतान और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण ने भारत को शासन में सुधार करने, व्यापार सुगमता और देश के लोगों के जीवनयापन में सरलता लाने में मदद की है। भारत की डीपीआई-आधारित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रणाली ने लगभग 65 करोड़ लोगों को सहायता प्रदान की है, जिन्होंने सीधे अपने खातों में 322 अरब डालर मिले हैं, जिससे केंद्र सरकार की प्रमुख सेवाओं और योजनाओं में 27 अरब डालर से अधिक की कुल बचत हुई है। उन्होंने कहा कि अकेले डीपीआई के माध्यम से पहचान और भु गतान की क्षमता का लाभ उठाते हुए 46.25 करोड़ कम लागत वाले बैंक खाते खोलने का भारत का रिकॉर्ड है और इसके बल पर भारत दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रणाली का निर्माण करके सरकारी सेवा वितरण को बदलने में सक्षम बना है।

महामारी के दौरान डीपीआई की क्षमता का किये गये उपयोग का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान करीब 4.5 अरब डॉलर सीधे 16 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए। इतना ही नहीं, भारत के महामारी से उबरने के प्रयासों को कोविन के विकास से बहुत समर्थन मिला। कोविन ऐप डीपीआई पर आधारित है, जिसे टीकों की 200 करोड़ से अधिक खुराक देने में सक्षम बनाया है। श्रीमती सीतारमण ने आधार का उल्लेख करते हुये कहा कि इसके माध्यम से, ई-केवाईसी ने सत्यापन की लागत को भी कम कर दिया है जिससे ग्राहक अधिग्रहण की लागत में 500-700 रुपये की बचत हुई है जो प्रति व्यक्ति 6 से 9 डालर है।

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