वैश्विक चुनौतियों से निटपने के लिए संकल्प और संमन्वय की जरूरत: Shaktikanta Das

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का उल्लेख करते हुये आज यहां कहा कि इससे निपटने के लिए अधिक संकल्प और समन्वय की जरूरत है। दास ने यहां आयोजित 59वें एसईएसीईएन गवनर्स सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियाँ तो भरपूर हैं, लेकिन नये अवसर भी दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। ऐसी नीतियों की आवश्यकता है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की नई वास्तविकताओं के अनुरूप हों।

अनिश्चित दुनिया में, केंद्रीय बैंकों को मूल्य और वित्तीय स्थिरता के उद्देश्यों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए सक्रिय होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस माहौल में सहयोग एक विकल्प नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति करने के लिए अधिक संकल्प और समन्वय की आवश्यकता है। यह सम्मेलन क्षेत्र के केंद्रीय बैंकों के लिए एक मंच के रूप में, उन्नत प्रगति और समृद्धि के लिए कई क्षेत्रों में अंतर्दृष्टि साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।


दास ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाओं ने बड़े वैश्विक झटकों के सामने उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। काफी हद तक, इसका श्रेय बेहतर मौद्रिक और व्यापक आर्थिक नीति ढांचे को दिया जा सकता है जिसे इन देशों ने हाल के वर्षों में अपनाया है। इस क्षेत्र में विकास मजबूत बना हुआ है, जबकि मुद्रास्फीति ओईसीडी औसत से कम रही है। क्षेत्र की आर्थिक गतिविधि को खुदरा व्यापार, डिजिटल सेवाओं, ई-कॉमर्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में लचीली सेवा गतिविधि द्वारा समर्थित किया गया है। यह क्षेत्र व्यापार और श्रम प्रवाह संबंधों के साथ क्षेत्रीय एकीकरण का एक मॉडल बना हुआ है।

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