महाभारत काल से एक प्रेरक प्रसंग नारद मुनि की समस्या यक्ष युधिष्ठिर संवाद

द्वापर युग में एक महत्वपूर्ण प्रसंग हमारे सामने आता है जो यक्ष युधिष्ठिर संवाद के नाम से प्रसिद्ध है। यह संवाद मानवीय जीवन मूल्यों पर आज हजारों साल बाद भी उतना ही प्रकाश डालता है, जितना पाण्डवकाल में यह महत्वपूर्ण रहा होगा। उन दिनों पाण्डव अज्ञातवास के अंतिम समय में जंगल में थे। गर्मी के.

द्वापर युग में एक महत्वपूर्ण प्रसंग हमारे सामने आता है जो यक्ष युधिष्ठिर संवाद के नाम से प्रसिद्ध है। यह संवाद मानवीय जीवन मूल्यों पर आज हजारों साल बाद भी उतना ही प्रकाश डालता है, जितना पाण्डवकाल में यह महत्वपूर्ण रहा होगा। उन दिनों पाण्डव अज्ञातवास के अंतिम समय में जंगल में थे।

गर्मी के दिन होने के कारण वे प्यास से व्याकुल थे। युधिष्ठिर ने नकुल को पानी लाने के लिए भेजा। एक सुन्दर तालाब के पास जाकर नकुल ने जैसे ही पानी पीना चाहा,‘एक अदृश्य आवाज ने कहा, ‘रुको ठहरो। मैं इस तालाब का मालिक हूं। मेरे प्रश्नों के उत्तर देने के बाद ही तुम्हारी पानी पीने में भलाई है।’

नकुल प्यास से पीड़ित थे, अत: बिना ध्यान दिए ही उसने पानी पी लिया। पानी के पीने से नकुल एक तरफ गिर गए। नकुल को न आता देखकर युधिष्ठिर ने सहदेव को भेजा। उसी आवाज ने उन्हें रोका किंतु वह भी उसके जल को पीने से मूर्छित हो गए। भीम एवं अर्जुन भी नकुल एवं सहदेव की तरह मूर्छित हो गए। युधिष्ठिर अत्यधिक चिंतित हुए।

जब वह तालाब के पास पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर शोक विह्वल हो गया। युधिष्ठिर अत्यधिक प्यासा थे अत: वह जैसे ही जल पीने लगे तो उसको उसी अदृश्य आवाज ने पहले की तरह कहा, ‘ठहरो! यदि तुमने मेरे आदेश की अवहेलना की तो तुम्हारी दशा भी तुम्हारे भाइयों जैसी होगी। मेरे प्रश्नों के सही उत्तर देने पर ही तुम जल ग्रहण कर सकते हो। यह सरोवर मेरा है।’ युधिष्ठिर ने कहा ‘कृपया आप प्रश्न पूछिए’ अदृश्य व्यक्ति ने शीघ्र ही प्रथम प्रश्न पूछा

दुर्घटनाओं से मनुष्य को कौन बचाता है?
हिम्मत ही मनुष्य का कठिन परिस्थितियों में भी साथ देती है।

कौन से विज्ञान को पढ़कर मनुष्य विद्वान बनता है?
केवल शास्त्रों के अध्ययन से ही मनुष्य विद्वान नहीं बनता। महान व्यक्तियों की संगति से ही वह महानता प्राप्त करता है।

हवा से भी तेज क्या है?
दिमाग

मरने के उपरान्त मनुष्य के साथ क्या जाता है?
धर्म

पृथ्वी से ज्यादा भी कोई सहारा देने वाला है?
वह माता जो अपने बच्चे को बड़ा करती है।

प्रसन्नता क्या है?
अपने चरित्र का परिणाम ही प्रसन्नता है।

धनवान कौन है?
जो अपनी इच्छाओं पर काबू रखता हो।

भूमि से भी भारी क्या है?
पाप

आग से भी तेज क्या है?
क्रोध।

वास्तव में सच्चा ब्राह्मण कैसे बनता है?
किसी ब्राह्मण के घर जन्म लेने से और उच्च शिक्षा अर्थात् चारों वेदों के ज्ञान से कोई सच्चा ब्राह्मण नहीं बनता यदि उसमें चारित्रिक गुण न हों। अच्छा चरित्र ही मनुष्य को सच्चा ब्राह्मण बनाता है।

जल से पतला क्या है?
ज्ञान

दुनियां का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?
प्रतिदिन व्यक्ति प्राणियों को यम के आवास जाते हुए देखता है और फिर भी यहां हमेशा रहना चाहता है।

काजल से भी काला क्या है?
कलंक

इस प्रकार अदृश्य व्यक्ति ने अनेक प्रश्न पूछे जिसका उत्तर युधिष्ठिर ने सरलता से दिया। इस पर वह अदृश्य व्यक्ति प्रसन्न हुआ और बोला ‘राजा युधिष्ठिर, आप अपने एक भाई को जिंदा कर सकते हो।’ युधिष्ठिर ने कहा, ‘नकुल को जिंदा करो।’ अदृश्य व्यक्ति बोला, ‘नकुल से तो अच्छा भीम ही है जिसमें सोलह हजार हाथियों की क्षमता है और तुम्हारा प्रिय अर्जुन जिसका पराक्रम तुम्हारे काम में आता है।

फिर नकुल ही क्यों।’ युधिष्ठिर बोला-मेरे पिता पाण्डु की दो पत्नियां थीं-माद्री एवं कुन्ती। कुन्ती का बेटा मैं जीवित हूं, अत: धर्म से नकुल को ही जीवनदान दें। अदृश्य पुरुष अपने स्वरूप में आ गया। वह युधिष्ठिर के उत्तरों से अत्यधिक प्रसन्न था। वह थे राजा यक्ष। उसने युधिष्ठिर के सभी भाइयों को जीवित किया एवं आशीर्वाद देकर रवाना किया।

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