बच्चों को बना है बुद्धिमान, तो रोज करें इस मंत्र का जाप

गायत्री मंत्र भारत के महान ऋषियों की तपस्या का फल हैं। गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है। हिन्दू धर्म में काेई भी पूजा गायत्री मंत्र के बिना पूरी नहीं हाेती हैं। यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है। इस मंत्र का मतलब है – हे प्रभु, क्रिपा करके हमारी.

गायत्री मंत्र भारत के महान ऋषियों की तपस्या का फल हैं। गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है। हिन्दू धर्म में काेई भी पूजा गायत्री मंत्र के बिना पूरी नहीं हाेती हैं। यह मंत्र हमें ज्ञान प्रदान करता है। इस मंत्र का मतलब है – हे प्रभु, क्रिपा करके हमारी बुद्धि को उजाला प्रदान कीजिये और हमें धर्म का सही रास्ता दिखाईए। ये मंत्र मन काे शांत करता हैं। खास बात यह है कि इस मंत्र के जाप के लिए किसी विशेष समय की आवश्यकता नहीं होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। साथ ही मनुष्य मानसिक तौर पर भी जागृत हाे जाता है। आपको बता दें कि प्रत्येक दिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। आपको इसका अद्भुत लाभ देखने को मिलेगा। आइए आपको बताते हैं कि गायत्री मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए और इसका अर्थ क्या होता है।

गायत्री मंत्र का अर्थ

सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

ये तीन पहर गायत्री मंत्र के लिए उत्तम

गायत्री मंत्र का जाप तीन समय में किया जाए तो ज्यादा असरदार माना जाता है। पहला समय है सूर्योदय से ठीक पहले, जिसे सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए। दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है सूर्यास्त से ठीक पहले और सूर्यास्त के बाद तक करना चाहिए। जाप से पहले शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में जल भरें। इसके बाद लाल आसन पर बैठ जाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पात्र में भरे जल का सेवन करें। इससे किसी भी रोग से छुटकारा मिल जाएगा।

ताे चालिए जानते हैं गायत्री मंत्र जाप के फायदे

गायत्री मंत्र के जाप से दुख और दरिद्रता का नाश होता है, संतान की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि गायत्री मंत्र जाप से मन शांत और एकाग्र रहता है और मुखमंडल पर चमक आती है। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करें। शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से पितृदोष, कालसर्प दोष, राहु-केतु तथा शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शिव गायत्री मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।

नारियल का बुरा और घी का हवन गायत्री मंत्र के साथ करने से शत्रुओं का नाश होता है। कहते हैं कि स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी गायत्री मंत्र का जाप बेहद कारगर माना गया है। नौकरी या बिजनेस में परेशानी होने पर गायत्री मंत्र का जाप लाभ दिलाता है। रोगों से मुक्ति पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप अचूक माना गया है।

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