हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 30 मार्च 2023

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ रागु बिलावलु महला ४ पड़ताल घरु १३ ॥ बोलहु भईआ राम नामु पतित पावनो ॥ हरि संत भगत तारनो ॥ हरि भरिपुरे रहिआ ॥ जलि थले राम नामु ॥ नित गाईऐ हरि दूख बिसारनो ॥१॥ रहाउ ॥ हरि कीआ है सफल जनमु हमारा ॥ हरि जपिआ हरि दूख बिसारनहारा ॥ गुरु.

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ रागु बिलावलु महला ४ पड़ताल घरु १३ ॥ बोलहु भईआ राम नामु पतित पावनो ॥ हरि संत भगत तारनो ॥ हरि भरिपुरे रहिआ ॥ जलि थले राम नामु ॥ नित गाईऐ हरि दूख बिसारनो ॥१॥ रहाउ ॥ हरि कीआ है सफल जनमु हमारा ॥ हरि जपिआ हरि दूख बिसारनहारा ॥ गुरु भेटिआ है मुकति दाता ॥ हरि कीई हमारी सफल जाता ॥ मिलि संगती गुन गावनो ॥१॥

अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता है। राग बिलावलु, घर १३ में गुरु रामदास जी की बाणी ‘पड़ताल’ ।
हे भाई! उस परमात्मा का नाम सुमीरन कर, जो विकारियों को पवित्र बनाने वाला है, जो अपने संतो को अपने भगतों को (संसार-सागर से) पार निकलने वाला है, जो (सरे जगत में) हर जगह मौजूद है। जो पानी में है, जो धरती में हैं, जो (जीवों के सारे दुःख दर्द दूर करने वाला है, उस हरी की सिफत-सलाह का गीत सदा गाना चाहिए॥१॥रहाउ॥ परमात्मा ने मेरी जिन्दगी कामयाब बना दी है, (क्योंकि गुरु की कृपा से) मैं उस परमात्मा का नाम जपने लग गया हूँ, जो सारे दुखों का नास करने वाला है। विकारों से मुक्ति दिलाने वाला गुरु मुझे मिल गया, (इस लिए) परमात्मा ने मेरी जीवन-यात्रा कामयाब कर दी है। अब मैं साध सांगत में मिल कर प्रभु की सिफत-सलाह के गीत गाता हूँ॥१॥

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