Merry Christmas: जानिए क्यों मनाया जाता है क्रिसमस और कैसे हुई इसकी शुरुआत

नव वर्ष का इंतज़ार सभी को बहुत ही बेसबरी से रहता है। नया साल शुरू होने से पांच दिन पहले आज क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को सभी लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहते हैं। क्या आप जानते है कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता.

नव वर्ष का इंतज़ार सभी को बहुत ही बेसबरी से रहता है। नया साल शुरू होने से पांच दिन पहले आज क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है। इस त्यौहार को सभी लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहते हैं। क्या आप जानते है कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन यीशु यानि प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस दिन लोग चर्च में प्रभु यीशु की अराधना करते हैं और यीशु की जन्म गाथा की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। आइए जानते है क्रिसमस के इतिहास के बार में:

क्रिसमस के इतिहास को लेकर हमेशा से इतिहास कारों में मतभेद रहा है। कई इतिहास-कारों के अनुसार, यह त्योहार प्रभु यीशु के जन्म के बाद से मनाया जाने लगा। तो वहीं कईयों का ऐसा मानना है कि ये पर्व यीशु के जन्म के पूर्व से ही मनाया जा रहा है। कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं कि क्रिसमस पर्व रोमन त्यौहार सैंचुनेलिया का ही नया रूप है। सैंचुनेलिया रोमन देवता है। कहते हैं जब ईसाई धर्म की स्थापना हुई तो उसके बाद से लोगों ने यीशु को ही अपना ईश्वर मानकर सैंचुनेलिया पर्व को ही क्रिसमस डे के रूप में मनाना शुरू कर दिया।

सन 98 से लोग इस पर्व को मना रहे हैं। लेकिन सन 137 में रोमन बिशप ने आधिकारिक रूप से क्रिसमस पर्व को मनाने की घोषणा की थी। हालांकि तब इसे मनाने का कोई निश्चित दिन तय नहीं हुआ था। लेकिन बाद में सन 350 में रोमन पादरी यूलियस ने 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में बनाने की घोषणा की।

एक अन्य मान्यता के अनुसार पहले धर्माधिकारी 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाने के लिए तैयार नहीं थे। क्योंकि ये रोमन जाति के एक त्योहार का दिन था, जिसमें लोग सूर्य देवता की आराधना करते थे। क्योंकि माना जाता था कि इसी दिन सूर्य का जन्म हुआ था। लेकिन जब ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार होने लगा तो ऐसा माना गया कि यीशु ही सूर्य देवता के अवतार हैं और फिर इस तरह से यीशू की पूजा होने लगी।

ईसाई धर्म के प्रभु यीशु की मौत के 280 साल बाद संत निकोलस का जन्म हुआ था। संत निकोलस काफी अमीर थे। वे अपनी दयालुता और उदारता के लिए जाने जाते हैं। वे हमेशा गरीबों की सहायता करते थे। यहां तक कि उन्होंने अपनी सारी संपत्ति जरूरतमंदों की सेवा में लगा दी थी। उन्हीं संत निकोलस को आज सेंटा क्लॉस के नाम से जाना जाता है। इन्हें बच्चे बेहद पसंद थे और वे बच्चों को ढेर सारे गिफ्ट भी देते थे।

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