जैसलमेर में सेट पर पहली मुलाकात से ही उनके गर्मजोशी भरे स्वागत ने मेरे लिए एक असाधारण यात्रा की रूपरेखा तैयार कर दी थी।’अभिनेत्री ने कहा, ’ठंडी रेगिस्तानी हवाओं के बीच अपने एक्शन सीक्वेंस शूट के दौरान उन्ज़्होंने मेरे आराम के प्रति अपनी चिंता जाहिर की, जो उनके उदारता और सौहार्द का प्रतीक थी।‘
उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस शूटिंग के दौरान मैंने प्रत्यक्ष रूप से उनकी प्रतिबद्धता देखी, हर एक्शन सीक्वेंस उनके स्थायी जुनून का प्रमाण था। उन्होंने न केवल मेरे काम को पहचाना बल्कि मेरे हालिया लोकप्रिय गीतों की बारीकियों के बारे में भीबात की। अभिनेत्री ने निर्देशक लिजो जोस पेलिसरी के बारे में बात की,
उन्ज़्होंने कहा कि लिजो सिनेमाई ब्रह्मांड में अप्रत्याशित आदर्श बन गए हैं। उनके साथ काम करना एक उत्साहजनक अनुभव है, जो सहजता और आश्चर्य से भरा है। उन्होंने कहा, ’लिजो की दुनिया में मेरी यात्रा उसकी कहानियों में आए मोड़ों की तरह अप्रत्याशित रूप से शुरू हुई। मैंने कभी उनके निर्देशन में मलयालम फिल्म में काम करने की कल्पना नहीं की थी,
लेकिन, यहां मैं एक ऐसा सपना जी रही हूं, जिसे मैंने कभी पूरा होते नहीं देखा था। जल्लीकट्टू और अंगमाली डायरीज जैसी उत्कृष्ट फिल्म के प्रति उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण ने मुझे कहानी कहने की दुनिया में आकर्षति किया जो परंपराओं से परे है।’ सोनाली ने कहा, ’ मुझे मोहन लाल सर के साथ एक महत्वपूर्ण दृश्य शूट करना पड़ा।
सीक्वेंस से ठीक पहले लिजो ने दृश्य को फिर से लिखने का फैसला किया। शूटिंग से ठीक एक घंटे पहले स्क्रिप्ट में अचानक बदलाव और एक बिल्कुल नया दृश्य सामने आने से घबराहट होने लगी। चमत्कारिक ढंग से वह दृश्य एक ही टेक में सहजता से सामने आया और फिल्म में मेरे पसंदीदा क्षणों में से एक बन गया।‘