लंदनः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि इस समय मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत और ब्रिटेन के संबंधों के केंद्र में है भारत को उम्मीद है कि इस पर जारी बातचीत में दोनों पक्ष उनके लिए कारगर सहमति पर पहुंचेंगे। जयशंकर ने यहां संसद भवन के पास वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में भारत के उच्चायोग द्वारा आयोजित विशेष दिवाली समारोह में बड़ी संख्या में उपस्थित भारतवंशी समुदाय के लोगों को संबोधित किया और द्विपक्षीय रिश्तों को दुनिया के लिए ‘सकारात्मक शक्ति’ करार दिया। उन्होंने भारत में तेजी से हो रहे प्रौद्योगिकी संबंधी बदलाव और सामाजिक-आर्थिक विकासों को लेकर भी विचार साझा किए और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों का आह्वान किया कि नये भारत की गाथा का प्रसार करें।
जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने और ‘मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई गति’ देने के उद्देश्य से ब्रिटेन की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्र पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एजेंडा 2030 में संपर्क, व्यापार, रक्षा और सुरक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर मिलकर काम करने पर अधिक जोर दिया गया है। जयशंकर ने कहा, कि एजेंडा 2030 को साकार करने के लिए आज हम उस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसे आधिकारिक तौर पर उन्नत व्यापार साझेदारी कहा जाता है। सामान्य अर्थों में, इसे एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आज भारत और ब्रिटेन की सरकारें इस पर बातचीत कर रही हैं और हमें उम्मीद है कि हम ऐसी सहमति पर पहुंच जाएंगे जो हम दोनों के लिए कारगर होगी।
भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को 2021 में भारत-ब्रिटेन रोडमैप 2030 के साथ शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य कई क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार करना है। भारत और ब्रिटेन पिछले साल जनवरी से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इसका लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार साझेदारी को बढ़ाकर लगभग 36 अरब पाउंड का करना है। इस संबंध में दोनों देशों के बीच 13 दौर की बातचीत हो चुकी है और अधिकारियों को उम्मीद है कि 2024 में दोनों देशों में होने वाले आम चुनावों से पहले समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
जयशंकर ने अपने भाषण की शुरुआत में रविवार को दिवाली के व्यस्त समय में अपने आवास-सह-कार्यालय ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ ले जाने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का आभार व्यक्त किया। ब्रिटेन की सरकार में चल रही उथल-पुथल का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि वह इस बात को कितना महत्व देते हैं कि नव नियुक्त विदेश मंत्री डेविड कैमरन ने अपनी नियुक्ति के पहले दिन उनसे मुलाकात के लिए समय निकाला जबकि सुनक ने कुछ घंटे पहले ही कैमरन को कैबिनेट में जगह दी थी।