Britain ने भारतीय सैनिकों के चित्र के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

लंदनः आंग्ल-हंगरी चित्रकार फिलिप डी लाजलो द्वारा प्रथम विश्वयुद्ध में हिस्सा लेने वाले दो भारतीय सैनिकों के बनाए चित्र पर ब्रिटिश सरकार ने अस्थायी निर्यात प्रतिबंध लगाया है, ताकि उसे देश से बाहर ले जाने से रोका जा सके। ब्रिटेन सरकार ने देश के एक संस्थान को इस ‘‘शानदार तथा संवेदनशील’’ चित्र को खरीदने का.

लंदनः आंग्ल-हंगरी चित्रकार फिलिप डी लाजलो द्वारा प्रथम विश्वयुद्ध में हिस्सा लेने वाले दो भारतीय सैनिकों के बनाए चित्र पर ब्रिटिश सरकार ने अस्थायी निर्यात प्रतिबंध लगाया है, ताकि उसे देश से बाहर ले जाने से रोका जा सके। ब्रिटेन सरकार ने देश के एक संस्थान को इस ‘‘शानदार तथा संवेदनशील’’ चित्र को खरीदने का समय देने के लिए यह प्रतिबंध लगाया है। करीब साढ़े छह करोड़ रुपए कीमत वाले इस चित्र में घुड़सवार अधिकारी रिसालदार जगत सिंह और रिसालदार मान सिंह को दर्शाया गया है, जो फ्रांस में सॉम के युद्ध में सेवा देने वाले ब्रिटिश-भारतीय सेना के एक्सपीडिशनरी फोर्स में जूनियर कमांडर थे। ऐसा माना जाता है कि दोनों युद्ध के दौरान ही वीरगति को प्राप्त हुए थे।

यह चित्र काफी दुर्लभ है, जो प्रथम विश्व युद्ध में भारतीयों की सक्रिय भागीदारी को दिखाता है। ब्रिटेन के कला एवं विरासत मंत्री लॉर्ड स्टीफन पार्किंसन ने कहा, कि ‘यह शानदार और संवेदनशील चित्र हमारे इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण को कैद करता है, जब प्रथम विश्वयुद्ध में मदद करने के लिए दुनियाभर से सैनिकों को लाया गया था।’’ उन्होंने कहा, कि ‘मैं उम्मीद करता हूं कि यह शानदार तस्वीर बहादुर जवानों और उनके योगदान की कहानी बताने में मदद करने के लिए ब्रिटेन में रहे।’’

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान करीब 15 लाख भारतीय सैनिकों को तैनात किया गया था और रिकॉर्ड के अनुसार, चित्र में मौजूद दोनों सैनिक लड़ाई के लिए फ्रांस भेजे जाने से दो महीने पहले लंदन में फिलिप डी लाजलो के सामने बैठे थे, ताकि वह उनकी छवि को कैनवास पर उकेर सकें। ऐसा माना जाता है कि डी लाजलो ने इस चित्र को अपने संग्रह के लिए बनाया था और यह 1937 में उनके निधन तक उनके स्टूडियो में ही रखा हुआ था। ब्रिटेन सरकार ने एक समिति की सलाह पर इस चित्र के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। समिति ने युद्ध में भारतीयों के योगदान के अध्ययन की महत्ता के आधार पर यह सिफारिश की है।

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