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पैरों में चींटी चलना है मुसीबत की निशानी, खराब किडनी से डायबिटीज तक ये हो सकती हैं बीमारियां

पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट एक आम समस्या है, जिसे सबसे ज्यादा डायबिटीज के लक्षण से जोड़ा जाता है। इसे आम भाषा में पैरों में चींटी चलना भी कहा जाता है। जो डायबिटीज के लिए अलावा और भी कई कारणों से होती है। हैल्थ कोच और न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, पैरों में चींटी चलने की समस्या.

पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट एक आम समस्या है, जिसे सबसे ज्यादा डायबिटीज के लक्षण से जोड़ा जाता है। इसे आम भाषा में पैरों में चींटी चलना भी कहा जाता है। जो डायबिटीज के लिए अलावा और भी कई कारणों से होती है। हैल्थ कोच और न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, पैरों में चींटी चलने की समस्या को पैरेस्थीसिया कहा जाता है। इस समस्या नर्व डैमेज होने पर होती है। मधुमेह के साथ यह दिक्कत किडनी की बीमारी का लक्षण भी हो सकती है। आइए इसके मुख्य कारण जानते हैं।

किडनी की खराबी: किडनी की बीमारी में उसका फंक्शन कम होने लगता है और खून में अपशिष्ट पदार्थ बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से मसल्स और नर्व डैमेज हो सकती हैं। जिसके कारण हाथ-पैरों में सुन्नपन-झनझनाहट हो सकती है। ड

डायबिटीज :इस समस्या को डायिबटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। हाई शुगर की बीमारी नसों को कमजोर बना देती है। यह समस्या खासतौर से हाथ और पैरों को प्रभावित करती है और मरीज को इनमें चींटी चलने जैसा अनुभव होता है।

विटामिन बी12 की कमी: नसों की मजबूती के लिए विटामिन बी12 आवश्यक होता है। इस न्यूट्रिएंट की कमी पैरेस्थीसिया का कारण बन सकती है। इसमें भी नसों के अंदर झनझनाहट और सुन्नपन होता है और रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत आती है।

हाइपोथायराइिडज्म: जब थायराइड ग्लैंड पर्याप्त हॉर्मोन का उत्पादन नहीं करती है तो इसे हाइपोथायराइिडज्म कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी वजह से पैरों में लूइड रिटेंशन होती है और इस समस्या की वजह बन सकती है।

एल्कोहॉ:ल शराब का सेवन लिवर और किडनी के साथ नसों के लिए भी हानिकारक है। लंबे समय तक इसका सेवन करने पर नसों का कामकाज कम हो जाता है और पैरों में सुई चुभने या चींटी चलने जैसा अनुभव होता है।

 

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