लव हो या अरेंज शादी के बाद पार्टनर के साथ एक समय पर बढ़ सकती हैं प्रोब्लेम्स

लव-लाइफ जब शुरू होती है तो सब कुछ बड़ा कोज़ी-कोज़ी सा लगता है लेकिन ज्यादातर लोगों की लाइफ में ये कोज़ीनेस लंबे समय तक नहीं बनी रहती। जबकि यह बनी रह सकती है। हम लव गुरु नहीं है कि आपको प्यार की कड़ाही में तड़का लगाने की सलाह देंगे… हम आपको उन सिचुएशंस के बारे.

लव-लाइफ जब शुरू होती है तो सब कुछ बड़ा कोज़ी-कोज़ी सा लगता है लेकिन ज्यादातर लोगों की लाइफ में ये कोज़ीनेस लंबे समय तक नहीं बनी रहती। जबकि यह बनी रह सकती है। हम लव गुरु नहीं है कि आपको प्यार की कड़ाही में तड़का लगाने की सलाह देंगे… हम आपको उन सिचुएशंस के बारे में बताएंगे, जो दूरियों वजह बन जाती हैं।

इन वजहों से बढ़ती है दिक्कत: प्यार के रिश्ते में दिक्कतों की अनेक वजह हो सकती हैं… लेकिन रिश्ते को बनाए रखने की सिर्फ एक वजह होती है और वह है आपका एक-दूसरे के लिए प्यार…। तो जीवन की समस्याएं, पर्सनैलिटी की कमी या अलग-अलग पसंद जैसी चीजें आपके प्यार का रंग फीका ना कर पाएं।

इसके लिए शादी के पहले हो या शादी के बाद आपको मैरजि काउंसलर की मदद लेने में झझिकना नहीं चाहिए। मैनेज तो करना है लव हो या अरेंज: लव मैरजि रही हो या अरेंज…हमारा दिल आज भी सात जन्मों में बंधन में यकीन करता है। बशर्ते किसी एक की लाइफ में भी तकलीफें ना हों।

अगर आपको लग रहा है कि आप अपने रिश्ते को संभाल नहीं पा रहे हैं तो आपको मैरजि काउंसलर के पास जाना चाहिए। क्योंकि रिश्ते हमेशा इसलिए खराब नहीं होते कि इंसान गलत है। ज्यादातर टाइम रिश्ते इसलिए खराब होते है क्योंकि हम एकदूसरे को समझ नहीं पाते।

बात विश्वास की: आई ट्रस्ट यू और आई लव यू कहना तो ठीक है लेकिन रिश्तों की गहराई की बात समझते हुए हमें यह जानना होगा कि बिना विश्वास के प्यार नहीं हो सकता और जब तक प्यार ना हो, हम किसी पर विश्वास नहीं कर सकते। इसलिए जरूरी है कि आप रिश्ते की सिर्फ खामियों पर नजर ना डालें…उन पलों को भी याद करें जब आपने रिश्ता शुरू किया था।

शादी के बाद की सहजता: आज भी ज्यादातर कपल बच्चे की प्लानिंग, फिनैंशल इश्यूज के बारे में खुलकर बात नहीं करते। बस गाड़ी किसी तरह चलती रहती है। दोनों को लगता है कि उनका साथी वो सब भी समझ रहा है, जो उनके मन में चल रहा होता है। और ऐसा ना होने पर झगड़ा होता है।

दरअसल यह सब हमारी अपेक्षाओं का खेल है। भगवान नहीं है पार्टनर है अपने पार्टनर से बात करते समय हमें अपनी प्लानिंग या सोच खुलकर उसके साथ साझा करनी चाहिए। हमें यह बात स्वीकारनी चाहिए कि हमारा पार्टनर भगवान नहीं है, जो हमारे मन की बात भी बिना बताए समझ जाए… यह सब एक अर्से के बाद ही संभव हो पाता है।

जब आप साथ में करीब एक दशक बिता चुके हों।कुछ भी असंभव नहीं :अगर दोनों पार्टनर अपने रिश्ते को लेकर सीरियस हैं और उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं तो आपकी हर समस्या का समाधान संभव है। क्योंकि कंपैटिब्लिटी, अंडरस्टैंडिंग और अपनी अपेक्षाओं को सीमति रखना सब कुछ संभव है। इस कोशिश में काउंसलर आपकी बहुत मदद कर सकता है। इसलिए शर्म और झझिक छोड़कर काउंसलर की मदद लें।

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