एंटीबायोटिक के दुष्प्रभाव कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा नया तरीका

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया तरीका खोजा है जिसमें एंटीबायोटिक में एक रक्षात्मक एंटीडोट मिलाया जाता है, ताकि दवा के असर को कम किए बिना उसके दुष्प्रभाव कम हो सकें। ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में आंतों के सबसे सामान्य बैक्टीरिया पर 144 अलगअलग एंटीबायोटिक के प्रभावों का विश्लेषण किया गया। डेनमार्क के.

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया तरीका खोजा है जिसमें एंटीबायोटिक में एक रक्षात्मक एंटीडोट मिलाया जाता है, ताकि दवा के असर को कम किए बिना उसके दुष्प्रभाव कम हो सकें। ‘नेचर’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में आंतों के सबसे सामान्य बैक्टीरिया पर 144 अलगअलग एंटीबायोटिक के प्रभावों का विश्लेषण किया गया।

डेनमार्क के कोपनहेगन में 15 से 18 अप्रैल तक आयोजित इस वर्ष के ‘यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लीनिकल माइक्रोबायलॉजी एंड इन्फैक्शस डिजीजेज’ (ईसीसीएमआईडी) में प्रस्तुत अनुसंधान में आंतों के बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक उपचार के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने पर नए सिरे से रोशनी डाली गई है।

जर्मनी के बर्लिन में मैक्सडेलब्रुक-सैंटर फॉर मॉलिक्यूलर रिसर्च के उलरिक लोबर ने कहा, ‘वैज्ञानिकों ने एंटीबायोटिक के साथ एक रक्षात्मक एंटीडोट को मिलाने का नया तरीका खोजा है, ताकि दवा के प्रभाव को कम किए बिना आंतों के बैक्टीरिया को स्वास्थ्यप्रद बनाए रखने तथा एंटीबायोटिक के दुष्प्रभाव कम करने में मदद मिल सके।’

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