झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन ने Supreme court का खटखटाया दरवाजा

झारखंड में कथित भूमि घोटाले से संबंधित धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तारी

नई दिल्ली: झारखंड में कथित भूमि घोटाले से संबंधित धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तारी के बाद करीब तीन माह से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्च न्यायालय के आदेश पारित करने में देरी का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।


न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुए उनकी अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया।इस पर पीठ ने कहा कि शीघ्र सुनवाई के मामले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ कोई विचार कर सकते हैं।

सिब्बल ने पीठ के समक्ष ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान कहा कि इस मामले की सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय ने 27 और 28 फरवरी को की थी, लेकिन अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है। पीठ के समक्ष उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पारित कराने में देरी का मतलब यह होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन को लोकसभा चुनाव के दौरान जेल में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय की ओर को आदेश पारित करने में देरी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन ने अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत के समक्ष याचिका दायर की है।

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