Jharkhand में नौ माह की बच्ची में एवियन फ्लू की पुष्टि, पूरे राज्य में अलर्ट

रांची: झारखंड के रामगढ़ जिले की रहने वाली नौ महीने की एक बच्ची में एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई है। उसका इलाज रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स में चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग.

रांची: झारखंड के रामगढ़ जिले की रहने वाली नौ महीने की एक बच्ची में एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई है। उसका इलाज रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स में चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के डीसी और सिविल सर्जन को अलर्ट किया है। इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है। हालांकि, इसके अलावा पूरे राज्य में फिलहाल कहीं बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू का केस सामने नहीं आया है। रिम्स के डायरेक्टर डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि रामगढ़ के संदवाडीह गांव की रहने वाली बच्ची को इलाज के लिए रिम्स लाया गया था।

गुरुवार को रिम्स के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट में बच्ची का सैंपल लाया गया। जांच में उसे एवियन फ्लू पॉजिटिव पाया गया। सैंपल को बाद में पुणे स्थित लैब में सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। वहां भी इसकी पुष्टि हुई है। रिम्स के माइक्रो बायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू का वायरस इंसानों में पहुंचने से जो संक्रमण होता है, उसे एवियन फ्लू कहा जाता है। यह संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से फैलता है। जिस बच्ची को एवियन फ्लू पॉजिटिव पाया गया है, उसके माता-पिता और घर के सदस्यों का भी सैंपल लिया गया था, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।

बता दें कि करीब तीन माह पहले झारखंड में पक्षियों में बर्ड फ्लू (एच5एन2) के कई मामले सामने आए थे। इसके बाद राज्य के कई इलाकों में चिकेन की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। बाद में हालात नियंत्रित होने पर रोक हटाई गई थी। इसकी रोकथाम को लेकर झारखंड के स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। सभी जिलों के सिविल सर्जन को एक्टिव सर्वलिांस शुरू करने, स्क्रीनिंग तथा टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं। इसके तहत इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस तथा एक्यूट रेस्पिरेट्री इलनेस के सभी मरीजों की आरटी पीसीआर जांच होगी। मास फीवर सर्वे शुरू करने और छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों को इसके संक्रमण से बचाने को विशेष उपाय करने को कहा गया है, क्योंकि वे इसके अधिक जोखिम की श्रेणी में आते हैं।

- विज्ञापन -

Latest News