चारधाम यात्रा : सरकार ने जारी की घोड़े-खच्चरों के संचालन के लिए SOP

देहरादून/केदारनाथः 22 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अभी से ही बीते साल के रिकॉर्ड टूटना शुरू हो गए हैं। मौसम के बिगड़े मिजाज के बाद भी केदारनाथ में आ रहे श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है। हर दिन यहां भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आ रहे हैं। इसे.

देहरादून/केदारनाथः 22 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अभी से ही बीते साल के रिकॉर्ड टूटना शुरू हो गए हैं। मौसम के बिगड़े मिजाज के बाद भी केदारनाथ में आ रहे श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है। हर दिन यहां भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने घोड़े-खच्चरों के संचालन के लिए एसओपी जारी की है। साथ ही यात्रा मार्गों पर अधिकतम संख्या तय कर दी है। केदारनाथ यात्र मार्ग पर गौरीकुंड से केदारनाथ तक 19 किमी तक पांच हजार घोड़े खच्चरों का संचालन होगा। जबकि हेमकुंड साहिब के लिए 15 किमी की दूरी के लिए अधिकतम 1050 घोड़े-खच्चरों की संख्या तय की गई है।

यात्रा मार्ग पर एक पशु मालिक को अधिकतम दो घोड़े खच्चर संचालन की अनुमति होगी। चारधाम यात्रा मार्गों पर पशु क्रूरता रोकने के लिए सरकार ने घोड़े खच्चरों के संचालन की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय की है। यात्र मार्गों पर प्रति किलोमीटर के आधार पर घोड़े खच्चरों की अधिकतम संख्या तय कर दी गई है। रास्ते में गर्म पानी और अस्थायी शेड की व्यवस्था की जाएगी। घोड़े खच्चरों की ग्लैंडर परीक्षण रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही यात्र मार्ग पर संचालन की अनुमति होगी।

एसओपी में ये दिशा-निर्देश:-

– घोड़े खच्चरों के कान पर लगाया जाएगा टैग।

– यात्रा मार्ग पर बनाए गए शेड में अस्थायी पशु चिकित्सालय – स्थापित किए जाएंगे।

– संचालन से पहले एक सप्ताह तक पशु को मौसम के अनुकूल स्थिति में आने के लिए समय तय।

– बीमार घोड़े खच्चर को यात्रा मार्ग पर संचालन की अनुमति नहीं होगी।

– पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उल्लंघन करने पर पशु मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।

– पशु मालिकों को बस्तियों के समीप किराये पर स्थायी अश्वशालाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

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