बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि कांग्रेस राज्य सरकार के मुसलमानों के आरक्षण को खत्म करने और उसे लिंगायत और वोक्कालिगाओं समुदायों में बांटने के नाम पर मुस्लिमों को गुमराह कर रही है। बोम्मई ने कई मीडिया घरानों के साथ साक्षात्कार की एक श्रृंखला में यह बात कही। उन्होंने बुधवार को यहां कहा कि सबसे गरीब मुसलमानों में 17 उप-जातियां हैं, और उन सभी को आरक्षण से वंचित नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें 04 प्रतिशत की जगह 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। कांग्रेस उन्हें गुमराह कर रही है।
कर्नाटक सरकार ने 2बी श्रेणी के तहत मुसलमानों के 04 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया था, और समान रुप से इसे लिंगायतों और वोक्कालिगाओं में वितरित कर दिया, जिससे 2बी श्रेणी के तहत लाभ प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यकों की उपेक्षा करने का विवाद शुरु हो गया है। बोम्मई ने एक लोकप्रिय दैनिक में प्रकाशित लेख का भी उल्लेख किया, जिसमें मुसलमानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के इस कदम की सराहना की गयी है और तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों से इसे लागू करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लिंगायतों और वोक्कालिगाओं हेतु आरक्षण बढ़ाने के लिए सांस्कृतिक कारकों को ध्यान में रखा है। उच्चतम न्यायालय ने सरकार से अगली सुनवाई तक संशोधित आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं करने को कहा है। राज्य की तत्कालीन एचडी देवेगौड़ा सरकार ने 1994 में कर्नाटक में मुसलमानों के लिए 04 प्रतिशत आरक्षण तय किया था, और इस आशय का एक आदेश 1995 में पारित किया गया था।