महेंद्रगढ़ जिले में लड़कियों की घटती संख्या चिंता का विषय

महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ जिले में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लड़कियों का घट रहा लिंगानुपात चिंता का विषय है इसी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा आज नारनौल लघु सचिवालय स्थित सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिले के अनेक गांवों के सरपंचों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक बुला इस.

महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ़ जिले में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लड़कियों का घट रहा लिंगानुपात चिंता का विषय है इसी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा आज नारनौल लघु सचिवालय स्थित सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिले के अनेक गांवों के सरपंचों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक बुला इस विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता थी।

उपायुक्त मोनिका गुप्ता का ने कहा कि महेंद्रगढ़ जिले में लड़कियों का गिर रहा लिंगानुपात चिंता का विषय है हम सभी को मिलकर इसे ठीक करना होगा और गर्भ में लड़कियों को जन्म से पहले मरने वाले लोगों के खिलाफ एक अभियान चलाना होगा ताकि उन्हें कड़ी सजा मिल सके क्योंकि लड़कियां देश का भविष्य है और लड़कियां किसी भी क्षेत्र में किसी से भी कम नहीं है।

जिला उपायुक्त ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि महेंद्रगढ़ जिले में गत वर्ष लड़कियों का लिंगानुपात 904 था जो कि अब घटकर 870 रह गया है उन्होंने कहा कि जिले के ऐसे 50 गांव को चिन्हित किया गया है जिनमें सबसे कम लिंगानुपात आया है उन गांवों के प्रतिनिधियों को भी इस सेमिनार में आमंत्रित किया गया है जिला उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि अब इस मामले में वे अपने कार्यालय के बाहर एक बॉक्स लगवा रही है और इस बॉक्स में ऐसे लोगों की जानकारी लिखकर डालें जो लोग बेटियों को गर्भ में ही मारने का काम कर रहे हैं या फिर लिंग जांच करवा रहे हैं ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा सके।

आज की सेमिनार में दो गांवों से ऐसे सरपंचों को सम्मानित भी किया गया जिन गांवों का लिंगानुपात काफी सराहनीय है गांव सेका में इस समय लिंगानुपात 14 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 35 है तो वही गांव कोटिया में भी 21 लड़कों की संख्या पर लड़कियों की संख्या 33 है दोनों ही गांव के सरपंचों ने कहा कि लड़कियों की संख्या अधिक होना उनके गांव के लिए सौभाग्य की बात है दोनों ही सरपंचों ने कहा कि हमें लड़कियों के प्रति सजगता दिखानी होगी और लिंगानुपात के रेशू को बढ़ाना होगा ताकि लड़कियों की संख्या जिले में बढ़ सके।

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