चंडीगढ़: हरियाणा में फिरोजपुर से कांग्रेस विधायक मामन खान ने नूंह हिंसा मामले में ‘‘झूठा फंसाए जाने और गिरफ्तारी’’ से संरक्षण का अनुरोध करते हुए मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया। खान के वकील ने यह जानकारी दी।विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की शोभायात्र पर 31 जुलाई को भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद हरियाणा के नूंह और इसके आसपास के इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में दो होमगार्ड र्किमयों और एक इमाम सहित छह लोग मारे गए थे।
खान ने अपनी याचिका में हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया है।विधायक के वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने यह भी मांग की है कि नूंह में हिंसा की घटनाओं से संबंधित मामले, जिसमें उन्हें पुलिस द्वारा नोटिस दिया गया था, एसआईटी को स्थानांतरित कर दिए जाएं।अपनी याचिका में, खान ने अनुरोध किया कि हरियाणा पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह ‘‘जांच लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे।’’ याचिका में कहा गया है कि हिंसा की घटनाओं के लिए कई प्राथमिकी दर्ज की गईं हैं और ऐसी ही एक प्राथमिकी एक अगस्त को नूंह के एक थाने में दर्ज की गई थी।
इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को 25 अगस्त को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत मिले नोटिस से हैरानी हुई, जिसमें एक प्राथमिकी के संबंध में उन्हें पेश होने को कहा गया था। पिछले महीने खान को जारी एक नोटिस में, नूंह पुलिस ने विधायक को ंिहसा की जांच में शामिल होने के लिए नगीना पुलिस थाने में पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वह पिछले एक पखवाड़े के दौरान दो मौकों पर उपस्थित होने में विफल रहे।हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने हाल ही में कहा था कि 31 जुलाई की घटना से पहले, खान को ‘‘28, 29 और 30 जुलाई को उन इलाकों में देखा गया था जहां हिंसा हुई थी।’’ हालांकि, खान ने अपनी याचिका में कहा है कि वह 26 जुलाई से एक अगस्त तक गुरुग्राम स्थित अपने आवास पर थे और उन जगहों पर नहीं गए जहां हिंसा हुई थी। उन्होंने इस संबंध में याचिका में ‘‘सबूत’’ भी प्रदान किए हैं।