खीरे के अंदर से लिया बाल गोपाल ने जन्म, कुल्लू में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी का त्यौहार

कुल्लू (सृष्टि) : कुल्लू के सत्यनारायण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया गया। भक्तों ने भजन कीर्तन कर प्रभु को याद किया। जिसके बाद रात्रि में 12 बजे खीरे में से नन्हें कान्हा का प्राकट्य दिखाया गया। कान्हा के दर्शन कर भक्तों ने जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया। स्थानीय निवासी राजन सलूरिया ने बताया की.

कुल्लू (सृष्टि) : कुल्लू के सत्यनारायण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया गया। भक्तों ने भजन कीर्तन कर प्रभु को याद किया। जिसके बाद रात्रि में 12 बजे खीरे में से नन्हें कान्हा का प्राकट्य दिखाया गया। कान्हा के दर्शन कर भक्तों ने जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया। स्थानीय निवासी राजन सलूरिया ने बताया की हर साल मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। जिसके बाद श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के जन्म को देख, उनके दर्शन प्राप्त करते है।

वहीं श्रद्धालु अनिता ने बताया की रघुनाथ की नगरी में हर त्यौहार एक दिन पहले मनाया जाता है। जहां देश भर के कई स्थानों में आज जन्माष्टमी का व्रत रख पूजन किया जाएगा। वहीं कुल्लू के सत्यारायण मंदिर में रात्रि 12 बजे ही कृष्ण जन्म दर्शाया जाता है और अगले दिन रघुनाथ मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।

कार्तिकेय सूद ने बताया की कृष्ण जन्म देखने के लिए दिन भर से मंदिर में तैयारियां की गई थी। जिसके बाद भक्तों द्वारा भजन कीर्तन कर कृष्ण को याद किया गया। नन्हें कान्हा को देखने पहुंचे सभी श्रधालुओं में प्रसाद का वितरण किया जाता है। वहीं कृष्ण जन्म देखने पहुंची अंजली ने बताया की यहां पर खीरे में से श्री कृष्ण का जन्म दिखाया जाता है। जो देखना बेहद अद्भुत होता है। रात्रि में कृष्ण जन्म के बाद सभी श्रद्धालूओं को उनके दर्शन करवाए जाते है। जन्माष्टमी पर कान्हा के जन्म को देख सभी श्रद्धालु उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है।

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